उरगम घाटी, जोशीमठ, चमोली। जुम्मा गांव में सिंचाई गूल टूटने के कारण 30 परिवारों को सिंचाई का पानी नहीं मिल पा रहा है। यहां के ग्रामीणों ने सिंचाई विभाग को गुहार लगाई ₹200000 विभाग द्वारा खर्च कभी कर दिया गया, किंतु गांव में पानी नहीं पहुंचा। ग्रामीण काश्तकार सिंचाई के पानी के लिए तरस रहे हैं। विभाग ग्रामीणों का तमाशा देख रहा है। अब ग्रामीणों ने खुद ही गूल को ठीक करने का जिम्मा अपने हाथ में लिया है।
ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग द्वारा शीतकाल के समय में नहर मरम्मत का कार्य किया गया। किंतु कार्य पूरा नहीं किया गया है। जिससे कि सिंचाई के लाभ से लोग वंचित रह गए हैं। आज ग्रामीणों ने बताया कि हम खुद कच्ची नहर तैयार कर गूल बना रहे हैं। इस प्रकरण में नीति माना घाटी समिति चमोली के अध्यक्ष मनोज रावत ने कहा कि सिंचाई विभाग के अधिकारी इस प्रकरण के बारे में गोल मटोल जवाब दे रहे हैं। इस प्रकरण की जांच होनी चाहिए। दोषी ठेकेदार के खिलाफ वसूली की जानी चाहिए।
आज सिंचाई विभाग चमोली के अधिशासी अभियंता को लिखे पत्र में लोगों ने कड़ी आपत्ति दर्ज की है। कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की धमकी दी है। हस्ताक्षर करने वालों में ग्राम पंचायत जुम्मा के सरपंच रणजीत सिंह चंद्र सिंह सबल सिंह मगी देवीरूपा देवी विनीता राणा झाँपी देवी सहित दर्जनों लोगों के हस्ताक्षर हैं इन लोगों ने नहर मरम्मत का काम भी किया है।
लक्ष्मण सिंह नेगी की रिपोर्ट