जोशीमठ : 82 वर्षों के बाद टंगणी तल्ली के जाख देवता छह माह के देवरा यात्रा भ्रमण के बाद अपने मूल स्थान मेें विराजमान हो गए हैं। परंपरागत परिधान मे भब्य कलश यात्रा के साथ जाख देवता के श्रीविग्रह को मंदिर परिसर तक पहुंचाया गया। कुल पुरोहित पंडित प्रेमबल्लभ सती एवं पंडित कैलाश चन्द्र सती ने देवरा यात्रा के अंतिम दिवस की प्रक्रिया पूर्ण की,जाख देवता के गर्भगृह मे विराजमान होने के बाद यज्ञ-पूर्णाहुति के साथ ही प्रसाद वितरण के कार्यक्रम संपादित हुए, देवरा यात्रा के समापन मौके पर बड़ी संख्या में भक्तजन मौजूद रहे।जोशीमठ प्रखंड का टंगणी तल्ली गांव जो बद्रीनाथ हाईवे से जुड़ा है,शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार के लिए पलायन भी हुआ,82 वर्ष पूर्व यहाँ के जाख देवता का देवरा यात्रा भ्रमण हुआ था,जिसकी जानकारी आज की पीढ़ी को नहीं थी, इसके वाबजूद वर्तमान युवा पीढ़ी ने अपने बुजुर्गों, कुल पुरोहितों तथा देवी देवताओं के आशीर्वाद से इस धार्मिक आयोजन को ब्यवस्थित रूप से पूरा कर दिखाया।
छह माह तक नंगे पांव धूप, वारिश, बर्फबारी के बीच हर गांव तक पहुंचकर परंपरा का बखूबी निर्वहन करने वाली युवा पीढ़ी तो सराहना के पात्र हैं ही, जाख देवरा समिति, महिला व युवक मंगल दलों ने जिस उत्साह के साथ परंपरा को निभाया सभी आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक रहेगा।
जाख देवता के छह महीनों के देवरा यात्रा भ्रमण के दौरान प्रत्येक गावँ मे परंपरा व रीति रिवाज के साथ स्वागत तो हुआ ही ध्याणीयों ने भी जाख देवता को अपने अपने घरों में आमंत्रित किया और पूरी श्रद्धा के साथ पूजन/अर्चन व अर्ग अर्पित किया।
82 वर्षों के अंतराल के बाद आयोजित इस धार्मिक उत्सव मे शामिल होने के लिए दूर दूर से ग्रामवासी एवं नाते-रिश्तेदार टंगणी गांव पहुंचे। आयोजन से पूर्व ही गांव में एक नई जागृति हुई। पूरा गांव दुल्हन की तरह सजा था।
ध्याणी भात्ता व ध्याणीयों की विदाई का कार्यक्रम हो या हजारों लोगों के भोजन-प्रसाद की ब्यवस्था सभी कार्यों को युवक व महिला मंगल दलों ने जाख देवरा समिति व ग्राम पंचायत के मार्गदर्शन मे बखूबी पूरा किया। ब्यवस्थित आयोजन की हर तरफ प्रशंसा हुई।