• About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact
Uttarakhand Samachar
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
Uttarakhand Samachar
No Result
View All Result

पूरा जीवन देश हित में लगाया पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने

27/07/21
in उत्तराखंड, दुनिया
Reading Time: 1min read
111
SHARES
139
VIEWS
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter
https://uttarakhandsamachar.com/wp-content/uploads/2025/11/Video-60-sec-UKRajat-jayanti.mp4

डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला
रामेश्वरम, यानि वह स्थान जिसे हिंदु धर्म के चार पवित्र धामों में से एक माना जाता है। कलाम का जन्मस्थान होनें के साथ.साथ यहां स्थापित शिवलिंग को बारह द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम देश के उन राष्ट्रपतियों में से रहे, जिन्हें जनता का सबसे ज्यादा प्यार मिला। जब वो वैज्ञानिक थे, तब भी देश सेवा में उनके योगदान के लिए जनता ने उन्हें सिर आंखों पर बिठाया। जब वो राष्ट्रपति बने तो सर्वोच्च पद पर आसीन एक सादगी पसंद शख्स की जनता कायल हो गई।

27 जुलाई 2015 को कलाम साहब का निधन हो गया। उन्हें उनकी खूबियों की वजह से आज भी उतनी ही शिद्दत से याद किया जाता है। एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को भारत के दक्षिणी राज्य तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। उनका पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। एक मछुआरे घर में जन्मे कलाम साहब का बचपन बेहद अभावों में बीता। गणित और भौतिक विज्ञान उनके फेवरेट सब्जेक्ट थे। पढ़ाई से कलाम साहब को इतना लगाव था कि वो बस स्टैंड पर अखबार बेच कर अपना खर्च निकाला करते थे। अब्दुल कलाम का सपना इंडियन एयरफोर्स जॉइन करने का था। भर्ती परीक्षा में शामिल होने वाले 25 में से 8 उम्मीदवारों का चयन होना था। कलाम साहब नौवें स्थान पर रहे। उनका सपना तो टूट गया, लेकिन नियति में कुछ और ही बड़ा लिखा था। कलाम साहब को किसी और तरीके से देश सेवा करनी थी। उन्हें देश का रत्न बनना था, ताकि बरसों तक उन्हें याद रखा जा सके मद्रास इंजीनियरिंग कॉलेज से उन्होंने एयरोनॉटिकल साइंस की पढ़ाई की। 1962 में उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो में नौकरी शुरू की। उनके निर्देशन में भारत ने अपना पहला स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान यानी पीएसएवी.3 बनाया और 1980 में पहला उपग्रह रोहिणी अंतरिक्ष में स्थापित किया गया। अंतरिक्ष अनुसंधान और मिसाइल टेक्नोलॉजी पर कलाम साहब ने खूब काम किया। उस दौर में मिसाइलों का होना उस देश की ताकत और आत्मरक्षा का पर्याय माना जाने लगा था। लेकिन दुनिया के ताकतवर देश अपनी मिसाइल टेक्नोलॉजी को भारत जैसे देश के साथ साझा नहीं कर रहे थे। भारत सरकार ने अपना स्वदेशी मिसाइल कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया। इंटीग्रेटेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम की जिम्मेदारी कलाम साहब के कंधों पर सौंपी गई।

कलाम साहब की अगुआई में ही भारत ने जमीन से जमीन पर मार करने वाली मध्यम दूरी की पृथ्वी मिसाइल, जमीन से हवा में काम करने वाली त्रिशूल मिसाइल, टैंक भेदी नाग जैसी मिसाइल बनाकर दुनिया में अपनी धाक जमाई। इसके बाद कलाम साहब मिसाइल मैन के नाम मशहूर हो गए। 1992 से 1999 तक अब्दुल कलाम रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार रहे। उनके वैज्ञानिक सलाहकार रहते ही वाजपेयी की सरकार में पोखरण में परमाणु परीक्षण हुआ। इसमें कलाम साहब की भूमिका बेहद खास थी। उनकी इन्हीं उपलब्धियों के चलते उन्हें 1997 तक भारत रत्न समेत सभी नागरिक सम्मान मिल चुके थे। इकलौते गैर राजनीतिक राष्ट्रपति थे। शायद इसलिए उन्हें जनता का भरपूर प्यार मिला। उनकी सादगी के किस्से काफी चर्चित रहे। वो डॉ राजेन्द्र प्रसाद के बाद दूसरे लोकप्रिय राष्ट्रपति माने जाने लगे। राष्ट्रपति बने रहने के दौरान भी उन्होंने सादगी और ईमानदारी को अपने जीवन का मूल मंत्र बनाए रखा। राष्ट्रपति भवन में जब उनके रिश्तेदार मिलने आते तो उनके रहने का किराया वो अपनी जेब से चुकाते। राष्ट्रपति बनने के पहले ही साल उन्होंने रमजान के पाक महीने में होने वाली इफ्तार की दावत को बंद कर दिया। तय हुआ कि बजट की रकम को अनाथ बच्चों की चैरिटी में लगा दिया जाए।

कलाम साहब का फाइटर पायलट बनने का सपना तो पूरा नहीं हुआ। एपीजे अब्दुल कलाम ने यह अवधारणा दी थी कि गांवों में शहरों जैसी सुविधाओं प्रोविजन आफ अर्बन अमनेटीज इन रूरल एरियाज को पूरा का नाम दिया गया, को उपलब्ध कराया जाये। वर्ष 2004 से अधमने ढंग से यह योजना चलती रही। वर्ष 2016 से शुरू हुआ श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुरबन मिशन उसी योजना का परिवर्द्धित रूप है। हालांकि प्रारंभ में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान को मात्र 125 दिनों के लिए ही प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिलाने की दृष्टि से लागू किया गया था और उसका 16 हफ्तों का रिपोर्ट कार्ड भी प्रकाशित हो चुका है, लेकिन इस अभियान की अभूतपूर्व सफलता और उसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में आ रहे बदलाव के मद्देनजर इस अभियान को न केवल आगे जारी रखने की जरूरत है, बल्कि इसे गांवों के सर्वांगीण विकास की दृष्टि से देश के सभी जिलों में ले जाने की जरूरत है। इससे न केवल एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा स्वप्न पूर्ण हो सकेगा, बल्कि गांवों में रोजगार और आय के सृजन को भी कार्यरूप दिया जा सकेगा।

गांवों और शहरों में असमानताएं कम होंगी और मजदूरों का शहरों की ओर पलायन भी थमेगा, लेकिन साल 2006 में एक ऐसा मौका भी आया जब उन्होंने देश के सबसे एडवांस फाइटर प्लेन सुखोई.30 में बतौर को.पायलट 30 मिनट की उड़ान भरी। फाइटर प्लेन में बैठने वाले कलाम साहब देश के पहले राष्ट्रपति बने। साल 2007 में अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करने का बाद कलाम साहब ने पद छोड़ दिया। 27 जुलाई 2015 को शिलांग में छात्रों को संबोधित करने के दौरान ही दिल का दौरा पड़ने के कारण उनका निधन हो गया। 2015 में मृत्यू उपरांत रामेश्वरम के पेई काराम्बू मैदान में भारत रत्न से सम्मानित पूर्व राष्ट्रपति कलाम को दफनाया गया। मतलब यहां उनकी कब्र स्थित है जहाँ हमेशा ही लोगों की भीड़ लगी रहती है। केवल मुस्लिम वर्ग ही नही बल्कि हिंदु भी रामेश्वरम मंदिर में दर्शन से पहले कलाम की इस कब्र पर दर्शन करनें आते हैं जिसे देख लगता है मानों लोगों नें कलाम को भगवान का स्थान दे दिया है। और तो और रामेश्वरम मंदिर को जानें वाली बसें भी पेई काराम्बू में इस कब्र पर ज़रुर रुकती हैं। देश के महान वैज्ञानिक, भारत के मिसाइल मैन और पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की आज पुण्यतिथि है। आज पूरा राष्ट्र उनका स्मरण और नमन कर रहा है। भारत को मिसाइल के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और देश को एक नई सोच नए स्वप्न देखने की प्रेरणा देने वाले कलाम को बच्चों से काफी प्रेम था। जब भी उनको मौका मिलता थाए वे हमेशा उनके बीच मौजूद रहते थे। वे युवा भारत को महान सपने देखने और उनको पूरा करने के लिए प्रेरित करते थे।

आज उनकी पुण्यतिथि पर हम आपको उनके महान विचारों से अवगत करा रहे हैंए ताकि एक बार फिर आप उनके नई प्रेरणा ले सकें और कोरोना काल की नकारात्मकता पर विजय प्राप्त कर नई चुनौतियों के लिए आगे बढ़ें। वैज्ञानिक से लेकर राष्ट्रपति तक का सफर तय करने के बाद भी कलाम ने एक भी संपत्ति अपने नाम पर नहीं जोड़ी। जो था वो सब दान कर दिया। जिंदगी भर कलाम साहब ने जहां भी नौकरी की, वहीं के गेस्ट.हाउस या फिर सरकारी आवासों में जीवन व्यतीत किया। पूरी जिंदगी शिक्षा और देश के नाम करने वाले कलाम साहब को बच्चों से बहुत प्रेम था और ये संयोग ही था कि जब उन्होंने अंतिम सांस ली तो उससे पहले भी वो बच्चों को ही ज्ञान का पाठ पढ़ा रहे थे। 83 साल के अपने जीवन में कलाम साहब ने कई अहम योगदान दिए। देशवासियों के दिल उनकी यादें हमेशा बसी रहेंगी।

Share44SendTweet28
Previous Post

आईटीबीपी के डीजी ने किए भगवान कल्पेश्वर महादेव के दर्शन

Next Post

गली व मोहल्लों में हैलमेट न पहनने पर चालान किये जाने पर विरोध

Related Posts

उत्तराखंड

देवाल क्षेत्र में कोटेड़ा-मोपाटा मोटर सड़क पर कार दुर्घटना में दो महिलाओं समेत तीन की मौत

December 12, 2025
1
उत्तराखंड

25 साल बाद दीवार पत्रिका को मिला औपचारिक स्वरूप

December 12, 2025
1
उत्तराखंड

जौरासी इंटर कालेज में बालक देव पुस्तकालय का लोकार्पण

December 12, 2025
84
उत्तरकाशी

हाईवे का सीना चौड़ा करने के लिए हजारों पेड़ों को चीरेंगी आरियां

December 11, 2025
12
उत्तराखंड

राष्ट्रवाद का जयघोष है वंदे मातरम्

December 11, 2025
3
उत्तराखंड

अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर दून पुस्तकालय में संगोष्ठी

December 10, 2025
9

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Popular Stories

  • चार जिलों के जिलाधिकारी बदले गए

    67544 shares
    Share 27018 Tweet 16886
  • डोईवाला : पुलिस,पीएसी व आईआरबी के जवानों का आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण सम्पन्न

    45762 shares
    Share 18305 Tweet 11441
  • ऑपरेशन कामधेनु को सफल बनाये हेतु जनपद के अन्य विभागों से मांगा गया सहयोग

    38038 shares
    Share 15215 Tweet 9510
  •  ढहते घर, गिरती दीवारें, दिलों में खौफ… जोशीमठ ही नहीं

    37427 shares
    Share 14971 Tweet 9357
  • विकासखंड देवाल क्षेत्र की होनहार छात्रा ज्योति बिष्ट ने किया उत्तराखंड का नाम रोशन

    37310 shares
    Share 14924 Tweet 9328

Stay Connected

संपादक- शंकर सिंह भाटिया

पता- ग्राम एवं पोस्ट आफिस- नागल ज्वालापुर, डोईवाला, जनपद-देहरादून, पिन-248140

फ़ोन- 9837887384

ईमेल- shankar.bhatia25@gmail.com

 

Uttarakhand Samachar

उत्तराखंड समाचार डाॅट काम वेबसाइड 2015 से खासकर हिमालय क्षेत्र के समाचारों, सरोकारों को समर्पित एक समाचार पोर्टल है। इस पोर्टल के माध्यम से हम मध्य हिमालय क्षेत्र के गांवों, गाड़, गधेरों, शहरों, कस्बों और पर्यावरण की खबरों पर फोकस करते हैं। हमारी कोशिश है कि आपको इस वंचित क्षेत्र की छिपी हुई सूचनाएं पहुंचा सकें।
संपादक

Browse by Category

  • Bitcoin News
  • Education
  • अल्मोड़ा
  • अवर्गीकृत
  • उत्तरकाशी
  • उत्तराखंड
  • उधमसिंह नगर
  • ऋषिकेश
  • कालसी
  • केदारनाथ
  • कोटद्वार
  • क्राइम
  • खेल
  • चकराता
  • चमोली
  • चम्पावत
  • जॉब
  • जोशीमठ
  • जौनसार
  • टिहरी
  • डोईवाला
  • दुनिया
  • देहरादून
  • नैनीताल
  • पर्यटन
  • पिथौरागढ़
  • पौड़ी गढ़वाल
  • बद्रीनाथ
  • बागेश्वर
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • रुद्रप्रयाग
  • रुद्रप्रयाग
  • विकासनगर
  • वीडियो
  • संपादकीय
  • संस्कृति
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • साहिया
  • हरिद्वार
  • हेल्थ

Recent News

देवाल क्षेत्र में कोटेड़ा-मोपाटा मोटर सड़क पर कार दुर्घटना में दो महिलाओं समेत तीन की मौत

December 12, 2025

25 साल बाद दीवार पत्रिका को मिला औपचारिक स्वरूप

December 12, 2025
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.