थराली से हरेंद्र बिष्ट।
पिंडर घाटी की लाईफ लाईन माने जाने वाला कर्णप्रयाग.ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग पिछले 18 घंटों से अधिक समय से बंद पड़े होने के कारण क्षेत्र की आम जनता के साथ ही कुमाऊं से गढ़वाल आने.जाने वाले सैकड़ों यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बीआरओ के द्वारा देर रात तक मार्ग खोलने के तमाम प्रयास अभी तक विफल साबित हुए हैं। रविवार को प्रातः से ही बारिश शुरू होने के कारण सड़क खोलने में व्यवधान आ रहा। इसके साथ ही सड़क खोलने के लिए की गई ब्लास्टिंग के कार्य झूंगड़गाड़ में कर्णप्रयाग से नारायणबगड़ आने वाली एक मात्र 33 केवी बिजली लाइन के तार टूट जाने के कारण पिंडर घाटी के तीनों ब्लाकों में बिजली आपूर्ति करीब 10 घंटों तक बाधित रही। जिसे अब बहाल कर दिया गया है।
शनिवार दोपहर को अचानक मौणा छिडा के पास एक बड़ी चट्टान के खिसक कर ग्वालदम.कर्णप्रयाग राष्ट्रीय राजमार्ग पर गिरने एवं उससे सड़क के टूट कर पिंडर नदी में समा जाने के कारण इस मार्ग पर यातायात ठप हो गया था। इसके बाद से ही बीआरओ के द्वारा संड़क को खोलने का काम शुरू कर मलुवा हटाने के बाद वाशआउट हों गई सड़क के स्थान पर छोटे वाहनों के लिए सड़क खोलने का प्रयास शनिवार की देर रात तक किया गया। किन्तु रात को ही फिर से पहाड़ी के दरक कर गिर जाने से सड़क पर फिर से भारी मात्रा में मलबा आ गया। जिससे अब तक सड़क नही खुल पाई है। मौसम की बेरुखी के कारण इस मार्ग के खुलने में और अधिक समय लगने की आशंका जताई जा रही है।
इधर सड़क खोलने के लिए देर रात की गई ब्लास्टिंग के कारण पिंडर नदी के उस पार से गुजर रही कर्णप्रयाग से नारायणबगड़ 33 केवी बिजली लाइन के तार क्षतिग्रस होने के कारण पूरी घाटी के लोगों को अपनी रात अंधेरे में गुजारनी पड़ी। हालांकि सुबह 7.30 विद्युत ऊर्जा निगम के अपने प्रयासों से बिजली सप्लाई शुरू करने में सफलता हासिल कर ली है। सड़क के टूटने के कारण पिंडर घाटी का सामान्य जनजीवन अस्त.व्यस्त हो कर रह गया है।