थराली से हरेंद्र बिष्ट।
आपदा के दौरान संभावित खतरों को देखते सुरक्षा की दृष्टि से थराली तहसील प्रशासन ने देवाल विकासखंड के अंतर्गत चोटिंग गांव के 8 एवं सौरीगाड़ के चनियाली के 3 परिवारों को उनके घरों से स्कूल, मिलन केंद्र, एवं टेंटों में विस्थापित कर दिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार देवाल ब्लाक के अंतर्गत लोनिवि थराली के द्वारा निर्माणाधीन मानमती-चोटिंग-उफथर मोटर सड़क निर्माण के दौरान निकले मलबे एवं बोल्डरों के कारण चोटिंग गांव के अनुसूचित जाति बस्ती को भारी खतरा उत्पन्न हो गया है। सड़क के खड्ड साइड पर बसी इस बस्ती पर बारिश के दौरान कभी भी पहाड़ी पर रूका मलबा पत्थरों एवं बोल्डरों के गिरने का खतरा बना हुआ है। इसी के साथ मानमती.सौरीगाड़ मोटर सड़क के नवनिर्माण के दौरान एनपीसीसी के द्वारा चनियाली गांव के आबादी क्षेत्र में लगाई गई ब्रिस्टवाल के क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण यहां पर भी 3 परिवार खतरे की जद में आ गऐ हैं।
जिसे देखते हुए गत दिवस देवाल प्रमुख डॉ दर्शन दानू, थराली के तहसीलदार प्रदीप नेगी, नायब तहसीलदार अर्जुन बिष्ट, कानूनगो जगदीश प्रसाद गैरोला, पटवारी नवल किशोर, लोनिवि थराली के अधिशासी अभियंता अजय कालाएएई निरंजन रावतएजेई नरेन्द्र कुमार आदि ने चोटिंग एवं सौरीगाड़ का गहन निरीक्षण किया। वहां से लौट कर तहसीलदार प्रदीप नेगी ने बताया कि ग्रामीणों की सुरक्षा की दृष्टि से चोटिंग के पुष्कर राम, गोपाल राम, सुरेंद्र राम, दुलब राम, भजन राम, अमर राम, अब्बल राम व मदन राम को टेंटों का वितरण कर अपने परिवार के साथ सुरक्षित इन स्थानों पर रहने की अपील की गई है। इसके साथ ही आवश्यकता पड़ने पर पंचायत भवनों एवं स्कूलों में वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। इसी तरह से चनियाली में पुष्कर सिंह, जीत सिंह एवं त्रिलोका देवी की व्यवस्था मिलन केंद्र एवं प्राइमरी स्कूल के अतिरिक्त कक्ष में की गई हैं। इसके साथ ही लोनिवि थराली एवं एनपीसीसी को इन आवादी क्षेत्रों में सुरक्षात्मक उपाय किए जाने को कहा गया है।
इधर लोनिवि थराली के अधिशासी अभियंता अजय काला ने बताया कि चोटिल गांव के अनुसूचित बस्ती के ऊपरी भाग में स्थित सड़क पर पड़े बड़े.बड़े बोल्डरों को तोड़ कर हटाने का काम तत्काल शुरू किया जाएगा। कहा कि आबादी क्षेत्र को सुरक्षित रखने के लिए मौसम खुलने के बाद सुरक्षात्मक दिवालों के निर्माण की व्यवस्था की जाएगी। बताया कि प्रभावितों की मांग पर मदद के तहत मवेशियों के रहने के लिए पालीथीन भिजवाई जा रही है।