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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने तीन दिवसीय कत्यूर महोत्सव का किया वर्चुअल शुभारंभ

13/04/25
in उत्तराखंड, देहरादून, बागेश्वर
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बागेश्वर। बैजनाथ भकुनखोला मैदान में तीन दिवसीय कत्यूर महोत्सव का शुभारंभ हो गया है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को महोत्सव का वर्चुअल रूप से उद्घाटन किया।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कत्यूर महोत्सव को वर्चुअल रूप से संबोधित करते हुए घोषणा की कि गरुड़ में नगरीय पेयजल योजना को स्वीकृति प्रदान की जाएगी। इंटर कॉलेज गागरीगोल में विज्ञान वर्ग की मान्यता दी जाएगी। चक्रवर्तेश्वर मंदिर में घाट, सभाकक्ष निर्माण एवं सौंदर्यीकरण कराया जाएगा। के.डी. पांडेय रामलीला मैदान में टिनशेड का निर्माण किया जाएगा। एवं कत्यूर महोत्सव के आयोजन हेतु ₹2 लाख की धनराशि प्रदान की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने वर्चुअल संबोधन में कहा कि बैजनाथ की यह ऐतिहासिक भूमि 7वीं सदी में कत्यूर राजवंश की राजधानी रही है। कत्यूरी शासक अपनी समृद्ध कला, गौरवशाली संस्कृति, धार्मिक आस्था एवं न्यायप्रिय शासन प्रणाली के लिए विख्यात थे। उन्होंने यहाँ प्राचीन बैजनाथ मंदिर का निर्माण कराया, जो उत्तराखंड के साथ सम्पूर्ण भारतवर्ष में आस्था का प्रमुख केंद्र है। भगवान शिव को समर्पित यह धाम कत्यूरी शासनकाल की स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कत्यूर महोत्सव के माध्यम से इस ऐतिहासिक क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को व्यापक पहचान दिलाने का सराहनीय प्रयास हो रहा है। इस प्रकार के आयोजन हमारी समृद्ध परंपराओं को संजोए रखते हुए उन्हें आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हमारी लोकसंस्कृति ही हमारी असली पहचान है। उत्तराखंड की लोककला, संस्कृति, परिधान और खानपान पर हमें गर्व होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में राज्य सरकार उत्तराखंड के समग्र विकास के साथ-साथ धार्मिक स्थलों के पुनरुद्धार एवं सांस्कृतिक पहचान को सुरक्षित रखने हेतु संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार केदारखंड की भांति मानसखंड में स्थित कुमाऊं के पौराणिक मंदिरों के पुनरुत्थान एवं सौंदर्यीकरण हेतु भी कार्य कर रही है। इसी क्रम में बैजनाथ धाम के साथ-साथ माँ कोट भ्रामरी मंदिर का भी विकास किया जा रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों से हो रहे पलायन को रोकने एवं स्थानीय अर्थव्यवस्था व पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु अनेक योजनाएँ क्रियान्वित की जा रही हैं। एक जनपद, दो उत्पाद योजना के माध्यम से स्थानीय आजीविका के अवसरों को बढ़ावा मिला है, जबकि हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड ने हमारे उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने का कार्य किया है। इसके अतिरिक्त स्टेट मिलेट मिशन, फार्म मशीनरी बैंक, एप्पल मिशन, नई पर्यटन नीति, नई फिल्म नीति, होम स्टे और वेड इन उत्तराखंड जैसी योजनाओं से राज्य की स्थानीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ किया जा रहा है। इन योजनाओं से रोजगार के नए अवसर सृजित हो रहे हैं और पर्यटन एवं कृषि क्षेत्रों में नई संभावनाएँ विकसित हो रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने हाल ही में बागेश्वर के लिए हेलीकॉप्टर सेवा की शुरुआत की है, जिससे इस क्षेत्र के पर्यटन और अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी। बागेश्वर को रेल मार्ग से जोड़ने का सपना कई पीढ़ियों से अधूरा था, लेकिन हमारी डबल इंजन सरकार के प्रयासों से इस परियोजना का सर्वेक्षण पूर्ण हो चुका है और शीघ्र ही रेल लाइन का निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा। इसके माध्यम से चंपावत, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जनपदों में विकास की नई संभावनाएँ साकार होंगी।

महोत्सव में केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन हमारी ऐतिहासिक विरासत को भावी पीढ़ी तक पहुँचाने के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि कत्यूर क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने बैजनाथ मंदिर एवं रानी जिया रानी के योगदान की विशेष चर्चा की और कहा कि समय के साथ इस क्षेत्र में विविध संस्कृतियों का समावेश हुआ है, जिसने इसे समृद्ध बनाया है।

केंद्रीय राज्य मंत्री ने सरकार की ‘केदारखंड से मानसखंड’ को जोड़ने की योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि ग्वालदम – बैजनाथ- बागेश्वर- मुनस्यारी- धारचूला- आदि कैलाश से होते हुए पूर्णागिरि तक पर्यटन सर्किट विकसित करने की योजना है, जिससे तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी। प्रधानमंत्री श्री मोदी के सहयोग से पूरे देश में सड़क नेटवर्क को मजबूत किया जा रहा है और हिमालयी क्षेत्रों में भी सड़क निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहा है, जिससे पर्यटन एवं कनेक्टिविटी को बल मिलेगा।

कार्यक्रम में उपस्थित श्री शिव सिंह बिष्ट ने कत्यूर घाटी को ऐतिहासिक स्थल बताते हुए कहा कि यह महोत्सव क्षेत्र की संस्कृति एवं परंपराओं को उजागर करने का एक प्रभावी माध्यम है। उन्होंने इसे स्थानीय लोगों की एकता और उत्साह का प्रतीक बताया।

विधायक पार्वती दास ने कहा ऐसे महोत्सवों को संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु आवश्यक बताया। अन्य वक्ताओं—कपकोट विधायक सुरेश गढ़िया, जिला पंचायत प्रशासक बसंती देव एवं पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण—ने भी संस्कृति को आगे बढ़ाने हेतु ऐसे आयोजनों की सराहना की।

जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने और संस्कृति को गहराई से समझने का अवसर प्रदान करते हैं। ऐसे कार्यक्रमों से न केवल सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण होता है, बल्कि सामाजिक समरसता और पारस्परिक समझ को भी बल मिलता है।

इस अवसर पर ब्लॉक प्रशासक हेमा बिष्ट, एसपी चंद्रशेखर आर. घोड़के, सीडीओ आर.सी. तिवारी, एडीएम ए.एस नबियाल, एसडीएम जितेंद्र वर्मा, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

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