प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना से लड़ रहे देश में तीन मई तक पूर्ण लाॅकडाउन बढ़ा दिया है। उन्होंने 20 अप्रैल तक लाॅकडाउन का कड़ाई से अनुपालन करने का निर्देश दिया है। संभव है कि उसके बाद कुछ क्षेत्रों मंे कुछ हद तक छूट दी जाए।
माना जा रहा था कि देश में लाॅकडाउन बढ़ेगा, लेकिन कुछ खास क्षेत्रों में छूट मिलने की संभावना देखी जा रही थी। इसके विपरीत अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने किसी भी तरह की रियायत से इंकार किया है। लेकिन 20 अप्रैल तक कड़ाई से अनुपालन की बात कहने का मतलब है कि यदि सब ठीकठाक रहा तो 20 के बाद कुछ अपेक्षित क्षेत्रों में छूट संभव है।
सरकार के अंदर से छनकर आ रहे संकेतों से लग रहा था कि प्रधानमंत्री कुछ अपेक्षित क्षेत्रों में छूट देने की घोषणा करने जा रहे हैं। इसी बीच 13 अप्रैल को देश में कोरोना संक्रमण का सबसे अधिक प्रभावित दिन आ गया। अब तक किसी एक दिन में एक हजार से के आसपास संक्रमितों की संख्या बढ़ रही थी, लेकिन 13 अप्रैल को यह 1200 के पार चली गई। इस स्थिति में छूट की घोषणा करना उचित नहीं होता। इसलिए जान है, जहान है का नारा देने वाले प्रधानमंत्री को सिर्फ जान है के वाक्य को पोषित करने को मजबूर होना पड़ा। जहान के लिए उन्होंने कुछ और इंतजार करने का संकेत दे दिया।
प्रधानमंत्री ने देश के नागरिकों से सात विंदुओं पर गौर करने का आग्रह भी किया है। ये सात बिंदु हैं।-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नागरिकों से सप्तपदी पर गौर करने का आग्रह किया है-
- बुजुर्गों, बीमारों का ख़्याल
- लॉकडाउन लक्ष्मणरेखा मानें, मास्क पहनें
- खुद का ध्यान रखें, इम्यूनिटी बढ़ाएँ
- डाउनलोड करे आरोग्य सेतु एप
- गरीबों की जिम्मेदारी सम्हाले
- नौकरी से ना निकालें
- कोरोना से लड़ने वाले डॉक्टर्स, नर्सों, पुलिस सबका सम्मान करें।












