सत्यपाल नेगी/रामरतन सिह पवांर/रुद्रप्रयाग
जखोली: केन्द्र सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रो मे गरीब,असहाय एव आर्थिक रूप से कमजोर व जिनके पास अपने रहने हेतू हर वर्ग के आवाहीन परिवारों को पक्का आवास देने के लिए हर सम्भव प्रयासरत है लेकिन सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना को गाँवो विकासखंड स्तरीय अधिकारियो,कर्मचारियों के द्वारा आवासहीन परिवारों को सर्वेक्षण के दौरान गरीब परिवारों को लाभ न देकर अच्छे खासे परिवारो को आवास के दायरे मे लाया गया हैजो कि सरासर नियम के बिरुद्ध है।
ज्ञात हो कि विकासखंड जखोली के ग्राम पंचायत पालाकुराली मे तीन बर्ष पूर्व आवासहीन परिवारो को पक्के मकान दिलवाने हेतू सर्वेक्षण किया गया था जिसमे लगभग आठ परिवारों का चयन आवास हेतू किया गया जिसमे से जियो टेक के दौरान छः परिवारों की स्थिति कुछ ठीक होने के कारण सूची से हटा दिया गया शेष दो को आवास की श्रेणी मे रखा गया था जिसमे राजेश्वरी देबी पत्नी रघुवीर सिह राणा व बीरेन्द्र सिह का चयन हुआ दोनो ही परिवारो की दयनीय स्थिति बनी है ।
बीरेन्द्र सिह राणा का कहना है कि मेरा पाँच सदस्यों का परिवार आर्थिक तंगी के चलते अपने परिवार का भरण पोषण करने मे असमर्थ हूँ तो फिर मै आवास कैसे बना सकता हूँ,कई सालो से आवास न होने के कारण दूसरो के घर पर रहने को मजबूर हूँ और आर्थिक रुप से कमजोर हूँ और आवास बनाने मे असमर्थ हूँ ।
पालाकुराली की प्रधान कमला देवी ने बताया है कि जब इन दो परिवारों का चयन आवास के लिए चयन किया गया था तो फिर इन दो परिवारो की दयनीय स्थिति को देखते हुए आवास से क्यों वंचित रखा गया जो कि एक बिचारणीय सवाल है ऐसे मे गरीब परिवारो के आवास के सपने कैसे पूरे होंगे।












