बाहर से आए सौ लोगों के इस अनधिकृत समूह पर कार्यवाही करने से कतरा रहा है जिला प्रशासनः उक्रांद
पौड़ी जिले के सतपुली क्षेत्र में बाहरी लोगों का एक समूह कई दिनों से रह रहा है। पलायन की मार से लगभग खाली हो चुके गांवों में रह गए गिने चुने मूल निवासियों पर वे लोग कई तरह के दबाव बनाकर मनमानी कर हे हैं। केदारनाथ भगवान की तस्वीर का घोर अपमान करने की घटना को अभी ज्यादा समय नहीं हुआ है, जब सतपुली कस्बा सांप्रदायिकता की आग में जलने लगा था। यह करतूत भी बाहर से आए लोगों की ही थी। अब सतपुली क्षेत्र के ग्राम मंजकोट में एक सौ लोगों का एक समूह आया है। जो किसी किसी चंद्रमोहन बुड़ाकोटी नाम के व्यक्ति द्वारा संचालित जनेऊ क्रांति संस्था के नाम पर इन गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। पिछले करीब एक वर्ष से सौ लोगों के इस समूह ने क्षेत्र में डेरा डाला हुआ है। इस समूह में सभी व्यक्ति बाहरी हैं, जो स्थानीय ग्रामीणों को परेशान कर रहे हैं। यदि कोई स्थानीय ग्रामीण उनका विरोध करता है तो उस पर एससी/एसटी एक्ट लगाने की धमकी देते हैं।
मंजकोट के प्रधान महावीर सिंह पर इन लोगों ने दबाव बनाया है कि उनके राशन कार्ड, वोटर कार्ड बनावायें। प्रधान को ऐसा करने में सहयोग न करने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी जा रही है। इस ग्रुप के लोगों की गतिविधियों से लगता है कि यह लोग आपराधिक प्रवृत्ति के हैं। इनका दबाव इसलिए भी काम कर रहा है कि पलायन की वजह से गांव लगभग खाली हो गए हैं। इक्का-दुक्का परिवार गांव में रह रहे हैं। इनका विरोध करने की क्षमता इन स्थानीय लोगों में नहीं है। सतपुली की शांत वादियों को इस गु्रप ने तनावग्रस्त कर दिया है।
उपमहानिरीक्षक गढ़वाल क्षेत्र को उक्रांद द्वारा लिखे गए पत्र में यहां तक आरोप लगाया गया है कि पिछले एक साल से ये लोग गांव की महिलाओं से अभद्रता कर रहे हैं। इतना ही नहीं मंजकोट गांव जनेऊ क्रांति संस्था का एक आश्रम भी बन रहा है। स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत पुलिस प्रशासन से की लेकिन इन पर किसी ने कार्यवाही नहीं की। उक्रांद के पौड़ी जिलाध्यक्ष मनमोहन पंत को स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना दी। मनमोहन पंत ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी तथा एसएसपी से की आश्वासन के बाद भी न तो उनका सत्यापन हुआ और न ही उनकी गतिविधियों पर लगाम लगाया जा सका।
ग्राम मंजकोट में एक साल से अराजकता फैला रहे लोगों पर जब पुलिस प्रशासन का टालू रवैया अपना रहा है तो इसके पीछे उन्हें मिले राजनीतिक संरक्षण से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसीलिए उक्रांद ने अपने प्रदेश मुख्यालय में इस संबंध में एक प्रेस वार्ता आयोजित की और कहा कि यदि प्रशासन जल्दी कार्यवाही नहीं करता है तो उक्रांद अपने स्तर पर ग्रामीणों के सहयोग से आंदोलन कर अराजकता फैला रहे बाहरी व्यक्तियों को गांव से खदेड़ देगा।
पत्रकार वार्ता में महानगर अध्यक्ष सुनील ध्यानी, देहरादून जिलाध्यक्ष विजय बौड़ाई और पौड़ी के जिलाध्यक्ष मनमोहन पंत मौजूद थे।