थराली से हरेंद्र बिष्ट।
पिछले 36 घंटों से अधिक समय से पिंडर घाटी में जारी मूसलाधार बारिश से क्षेत्र की प्रमुख नदी पिंडर का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार की पूरी रात पिंडर,कैल एवं प्राणमती नदियों के साथ ही सदाबहार एवं बरसाती गदेरो के आसपास बसे गांवों, कस्बों के नागरिकों ने अपनी पूरी रात किसी भी अनहोनी की आशंकाओं के चलते जाग कर गुजारी।अभी भी बारिश लगातार जारी रहने एवं नदियों, नालों का जलस्तर बढ़ने का सिलसिला जारी हैं। इस बीच सार्वजनिक एवं व्यक्तिगत परिसंपत्तियों के नुकसान के अलावा किसी अप्रिय घटना की सूचना नही मिल है।
गुरुवार की देर रात से पिंडर घाटी क्षेत्र में मूसलाधार बारिश का सितम शनिवार की सुबह तक बदस्तूर जारी हैं।घाटी क्षेत्रों के साथ ही बुग्याली क्षेत्रों में हो रही बारिश के कारण पिंडर नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इसके साथ ही अन्य नदियों एवं गदेरों का भी जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा हैं।जिससे इन के आसपास रह रहे लोग दहशियतजदा बनें हुए हैं। शुक्रवार की रात्रि इन क्षेत्रों के लोगों ने अपने परिजनों को सुरक्षित रखने के लिए जाग कर गुजारी।क्षेत्र की लगभग सभी मोटर सड़कें यातायात के लिए अवरूद्ध,भारी बारिश के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग कर्णप्रयाग-थराली-ग्वालदम थराली,हरमनी, नवगांव आदि स्थानों पर बंद पड़ा हुआ हैं।
कुछ स्थानों पर मलुवा इस कदर आया हुआ हैं कि पैदल चल पाना भी मुश्किल हो गया है। डीजीबीआर के द्वारा इस राष्ट्रीय राजमार्ग को खोले जाने के प्रयास लगातार जारी हैं। किंतु लगातार हो रही बारिश के कारण उसे सड़क खोलने में सफलता हासिल नही मिल पा रही हैं। इस दौरान नारायणबगड़ तहसील प्रशासन ने इस सड़क में फंसे 40 यात्रियों को सुरक्षित ठहराने के साथ ही शुक्रवार की रात उनके खाने-पीने की दो स्थानों पर व्यवस्था की, नारायणबगड़ के तहसीलदार सुरेंद्र देव ने बताया कि 20 यात्रियों को नारायणबगड़ एवं 20 ही यात्रियों को प्राथमिक विद्यालय नवगांव में ठहराया गया यही पर उनके रहने, खाने-पीने की व्यवस्था की गई।
इधर लोनिवि थराली के अधीन थराली-देवाल-मंदोली-वांण मोटर सड़क कई स्थानों पर मलुवा आने, भू-धंसाव,भू-कटाव, के कारण यातायात के लिए पूरी तरह से बंद पड़ा हुआ हैं। लोनिवि थराली के अधिशासी अभियंता सतवीर सिंह यादव ने बताया कि इस सड़क को खोलने के प्रयास लगातार जारी हैं। परंतु कई स्थानों पर सड़क वाशआउट हो जाने,भारी मात्रा में मलुवा, पत्थरों, बोल्डरों के आ जाने के अलावा लगातार हो रही बारिश से सड़क को यातायात के लिए खोल पाने में दिक्कतें आ रही हैं। इसके अलावा ग्वालदम-नंदकेशरी,ग्वालदम-चिड़गा,रैन-पलवरा-मेलमिंड़ा, सहित अन्य ग्रामीण सड़कें भी यातायात के लिए बंद पड़ी हुई हैं।
इन सड़कों को भी खोले जाने के प्रयास जारी हैं। पीएमजीएसवाई के अधीन नारायणबगड़-परखाल, चिड़िगा-,जोला,थराली-सोलडुंग्री,थराली-कुराड़, देवाल-सुयालकोट-खेता, हाटकल्याणी-बेराधार,देवाल-सवाड़, देवाल-घेस-बंलाण आदि मोटर सड़कें भी यातायात के लिए अवरूद्ध हो गई हैं। भारी बारिश के कारण क्षेत्र में पैदल रस्तों की स्थिति भी दयनीय बनी हुई हैं। आपदा के कारण पिंडर घाटी के नारायणबगड़, थराली एवं देवाल विकासखंडों में पिछले 18 घंटों से अधिक समय से बिजली पुरी तरह से गुल हैं।घाटी को कर्णप्रयाग से सप्लाई होने वाली 33 केवी बिजली लाईन में कर्णप्रयाग-नारायणबगड़ के बीच कही पर फाल्ट आने के कारण बिजली आपूर्ति ठप होना बताया जा रहा है। शुक्रवार की रात जब लोगों को अपनी रातें जागकर गुजारने पर मजबूर होना पड़ा ऐसे में सांय के समय से ही बिजली गुल होने से लोगों में दहशियत और भी अधिक बढ़ गई थी।इस बीच अभी तक व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक सम्पत्तियों के नुक़सान के अलावा किसी भी अप्रिय घटना की सूचना नही मिल रही हैैं।












