प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। ले0जनरल योगेन्द्र डिमरी का पैनख्ंाडा के रविग्राम से राष्ट्रपति भवन तक सफर सराहनीय सेवाओं की दास्तान है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जनरल डिमरी को अति विशिष्ठ सेवा मेडल से नवाजा ।
ले0जनरल योगेन्द्र डिमरी पैनख्ंाडा जोशीमठ के रविग्राम के मूल निवासी है। बचपन से ही सैन्य पृष्ठभूमि के परिवार मे पले-बढे योगेन्द्र ने सेना को ही देश भक्ति का सर्वोच्च माध्यम चुना और 17दिसबंर 1983 को बम्बई सैपर्स मे कमीशन प्राप्त किया। पिता मेजर बीसी डिमरी की देख रेख मे प्राथमिक शिक्षा से लेकर सेना मे कमीशन प्राप्त करने तक का सफर शुरू हुआ। जनरल योगेन्द्र से राष्ट्रीय रक्षा अकादमी पुणे तथा भारतीय सैनिक अकादमी देहरादून मे प्रशिक्षण प्राप्त किया।
ऐसा नही कि जनरल डिमरी ने लंबी व सराहनीय सेवाओ के लिए मिले अति विशिष्ठ सेवा मेडल के लिए राष्ट्रपति भवन का रूख किया हो। सेना अकादमी मे प्रशिक्षण के दौरान ही आर्डर आफॅ मेरिट मे सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने पर उन्है राष्ट्रपति स्वर्ण पदक से नवाजा गया था। सेना मे कमीशन प्राप्त करने के उपरांत जनरल डिमरी ने अपनी सराहनीय सेवाओं के दौरान पश्चिमी बाॅर्डर पर असाल्ट इंजीनियर रेजीमेंट और इंजीनियर बिग्रेड,लाइन आफॅ कंन्ट्रोल पर इंफैन्ट्री ब्रिग्रेड और काउन्टर इनफिल्ट्रेशन तथा काउन्टर इनसरजेंसी आॅपरेशन मे काउंन्टर इनसरजेंसी फोर्स की कमांड की । जनरल डिमरी यूएन मिशन मे मिलिट्री आॅबजर्वर के रूप मे तैनात रहे। इसके अलावा जनरल डिमरी को विभिन्न मुख्यालयों मे महत्वपूर्ण पदों पर भी सेवा करने का अवसर मिला ।
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली से बीएससी व बीटेक’’सिविल’’ की उपाधि प्राप्त करने के बाद जनरल डिमरी ने मद्रास विश्वविद्यालय से रक्षा अध्ययन मे स्नातकोत्तर तथा राष्ट्रीय विश्वविद्यालय ढाका-बंग्लादेश से रक्षा और युद्ध नीतिज्ञ अध्ययन मे भी स्नातकोत्तर और मद्रास विश्वविद्यालय से ही रक्षा अध्ययन मे एम फिल की उपाधि हासिल की।
जनरल डिमरी के पिता स्व0मेजर बीसी डिमरी भी सेना की गढवाल स्काउटस एंव आर्डिनेंस कोर मे अधिकारी रहे है। माता दमयंती देवी डिमरी गृहणी है और दिल्ली व रविग्राम मे निवास करती है। जनरल डिमरी के छोटे भाई महेन्द्र डिमरी भी भारतीय नौ सेना मे उच्च अधिकारी पद पर तैनात है। और बहिन कीर्तिका ने सेना मे चिकित्सक के पद पर सेवा की है। जनरल डिमरी की पत्नी निधि डिमरी पीजीटी-रसायन विज्ञान है और देश के कई आर्मी स्कूल मे अध्यापन का कार्य कर चुकी है। वर्तमान मे आवा–आर्मी वाइफस वेल्फेयर एशोसिएशन मे कार्य कर रही है। जनरल डिमरी के पुत्र मैत्रेय भी स्नातक-इंजीनियर है, और वर्तमान मे मास्टर आफॅ विजनेश एडमिनिस्ट्रेशन प्रोग्राम कर रहे है।
जनरल डिमरी बेहद मृदुभाषी व साधारण परिवेश पंसद इंसान है। जोशीमठ और रविग्राम से उनका हमेशा लगाव रहा है और वे छुटियों व अन्य तीस त्योहारो मे अपने घर रविग्राम मे ही अधिकांशत मौजूद रहते है। पहाड से पलायन न हो इसके लिए भी वे लेागो को प्रेरित करते रहे है।
जनरल योगेन्द्र डिमरी के साथ ही पैनंखडा जोशीमठ के ही पाखी-गरूडगंगा निवासी मेजर अमित कुमार डिमरी को भी उनकी अदम्य साहस के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोंविद ने शौर्य च्रक से नवाजा है। पैनख्ंाडा जोशीमठ को मिले इस दोहरे सम्मान पर बदरीनाथ के विधायक महेन्द्र भटट, बदरी-केदार मंदिर समिमि के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल, जनजाति कल्याण परिषद के उपाध्यक्ष रामकृष्ण सिंह रावत, क्षेत्र प्रमुख प्रकाश रावत, नगर पालिकाध्यक्ष शैलेन्द्र पंवार, सांस्कृतिक परिषद रविग्राम के अध्यक्ष सुभाष डिमरी , पूर्व सैनिक लीग के जिला कोर्डिनेटर भागवत प्रसाद थपलियाल पैनख्ंाडा संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट रमेश चंद्र सती, ब्यापार मंडल के तहसील अध्यक्ष श्रीराम डिमरी सहित अनेक लोगो ने खुशी जाहिर की है।