डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला
उत्तराखंड का प्रत्येक कोना प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है और यहां सालभर पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. प्रधानमंत्री जी के दौरे से उत्तराखंड की शीतकालीन यात्रा को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी. उत्तराखंड के पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक ले जाने और शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री 27 फरवरी को उत्तरकाशी जिले के हर्षिल और मुखबा का दौरा करेंगे. मुखबा गंगोत्री धाम का शीतकालीन गद्दी स्थल है और इस क्षेत्र की धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन संभावनाओं को बढ़ावा देने के लिए पीएम मोदी यहां विशेष कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. सीएम ने कहा कि उन्होंने पीएम से शीतकालीन यात्रा पर आने का अनुरोध किया था. मुख्यमंत्री को उम्मीद है कि पीएम मोदी के आगमन से उत्तराखंड के शीतकालीन पर्यटन को और गति मिलेगी और राज्य को एक नई पहचान मिलेगी. हर्षिल और मुखबा में कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे. वे मुखबा मंदिर में दर्शन-पूजन करेंगे और हर्षिल में एक जनसभा को संबोधित करेंगे. इसके अलावा, हर्षिल में उत्तराखंड के शीतकालीन पर्यटन स्थलों और स्थानीय उत्पादों पर आधारित एक प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी, जिसका उद्देश्य इस क्षेत्र की संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देना है. पीएम के आगमन को लेकर हर्षिल और मुखबा क्षेत्र में कई विकास कार्य भी किए जा रहे हैं. उत्तरकाशी के जिलाधिकारी ने बताया कि क्षेत्र में सड़क, पेयजल, बिजली और पार्किंग जैसी सुविधाओं को सुधारने के लिए युद्धस्तर पर काम चल रहा है.मुखबा मंदिर और गांव का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है. मंदिर तक सुरक्षित और सुविधाजनक रास्ते का निर्माण किया गया है. हर्षिल-मुखबा क्षेत्र की सड़कों की मरम्मत का कार्य जोरों पर है. बगोरी हेलिपैड तक सड़क निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है. निकटवर्ती अन्य हेलिपैड भी तैयार किए जा रहे हैं, ताकि पीएम मोदी के दौरे में कोई बाधा न आए. हर्षिल और मुखबा में नई पार्किंग स्थलों का निर्माण किया जा रहा है. इसके अलावा, गंगोत्री राजमार्ग पर भी पर्याप्त पार्किंग सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है ताकि वहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो. उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान हर साल लाखों श्रद्धालु गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम पहुंचते हैं, लेकिन शीतकाल में इन धामों के कपाट बंद होने के बाद पर्यटन धीमा हो जाता है. प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे से शीतकालीन यात्रा को नई दिशा मिलने की उम्मीद है. पर्यटन विभाग और स्थानीय प्रशासन इस मौके पर हर्षिल-मुखबा क्षेत्र को एक शीतकालीन पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की संभावनाओं पर विचार कर रहा है. मुख्य सचिव ने निर्देश दिया है कि प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों की एक विशेष प्रदर्शनी लगाई जाए. इससे स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों को अपनी वस्तुएं प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा और उन्हें नए बाजार भी मिल सकते हैं. स्थानीय उत्पादों और परंपराओं से संबंधित प्रदर्शनी लगाई जाए और जाड़ समुदाय के लोगों से प्रधानमंत्री के स्वागत की तैयारी पर चर्चा की जाए। उन्होंने निर्माण कार्यों में गुणवत्ता बनाए रखने की बात की, साथ ही, हर्षिल, मुखबा और बगोरी में सड़क और पैदल मार्ग पर इंटरलॉकिंग टाइल्स, व्यू प्वाइंट और हेलिपैड को जोड़ने के निर्माण कार्यों की भी निगरानी की।प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा न केवल उत्तराखंड के शीतकालीन पर्यटन को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि स्थानीय संस्कृति और उत्पादों को भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में मदद करेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक 24,711 श्रद्धालु चारधाम शीतकालीन यात्रा पर आ चुके है. वहीं सीएम ने बीते दिनों दिल्ली में जब पीएम मोदी से मुलाकात की थी तो उन्होंने पीएम से शीतकालिक प्रवास स्थल का दर्शन करने का आग्रह किया था. 28 जनवरी को पीएम उत्तराखंड दौरे के दौरान किसी एक प्रवास स्थल का दर्शन कर सकते है, प्रधानमंत्री का यह भ्रमण उत्तराखंड में शीतकालीन पर्यटन को प्रोत्साहित करने का अमूल्य अवसर है। लिहाजा इस दौरान होने वाले कार्यक्रमों में राज्य के शीतकालीन पर्यटन की संभावनाओं व क्षमताओं को उजागर करने पर विशेष ध्यान दिया जाए।लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं।लेखक वर्तमान में दून विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं।