पूर्व केंद्रीय रक्षा मंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव का गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। वे 82 वर्ष के थे।
आज सुबह करीब सवा आठ बजे मुलायम सिंह यादव ने अंतिम सांस ली। मुलायम सिंह यादव को समाजवादी विचारधारा के एक संघर्षशील नेता माना जाता था। उत्तर प्रदेश की राजनीति में मुलायम सिंह यादव ने अलग तरह के प्रतिमान स्थापित किए। दूसरी तरफ उन्हें जातिवादी राजनीति और मंडल राजनीति का भी प्रबल समर्थक माना जाता रहा।
उत्तराखंड के लिए मुलायम सिंह यादव बने खलनायक
यह इत्तिफाक ही है कि 2 अक्टूबर 1994 को मुजफ्फरनगर में उत्तराखंडियों के साथ जो कुछ भी हुआ वह सब मुलायम सिंह यादव के निर्देशन में हुआ। सरकार में साझाीदार मायावती का उन्हें पूरा समर्थन हासिल था। 1-2 अक्टूबर 1994 की वह रात उत्तराखंड के लोग अभी तक नहीं भूले हैं। उसके बाद मुलायम सिंह यादव जब भी उत्तराखंड आए उनका कड़ा विरोध हुआ।
इसे भी इत्तिफाक की माना जाएगा कि 2 अक्टूबर 2022 को मुलायम सिंह यादव की तबियत ज्यादा खराब हुई थी और उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती किया गया। और 10 अक्टूबर 2022 को उनका निधन हो गया।
इतना ही नहीं केंद्रीय रक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने मुजफ्फरनगर कांड समेत उत्तराखंड में उत्तर प्रदेश सरकार के उत्पीड़न की सीबीआई जांच के बाद हाई कोर्ट से आए निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को प्रभावित करते हुए खुद को बरी कराने की कोशिश की थी।