रिपोर्ट:सत्यपाल नेगी
रुद्रप्रयाग। हिन्दू रीति रिवाज के आधार पर वर्षो पुरानी मान्यता है कि मंगलवार को मीट खाना एंव बाल काटना अशोभनीय है,धार्मिक दृष्ठि से पाप भी माना जाता है.विशेष तौर से मंगलवार श्री राम चन्द्र जी के परम् सेवक पवन पुत्र हनुमान जी को भी समर्पित है। वहीं समय समय पर हिन्दू वादी संगठनों द्वारा मंगलवार को मीट मांस व नाई की दुकानों को खोलने पर पाबंदी लगाई जाती रही है। वहीं रुद्रप्रयाग मे कुछ दिनों पहले विश्व हिन्दू परिषद इकाई रुद्रप्रयाग द्वारा रुद्रप्रयाग शहर में भी नाई एंव मीट वालों की दुकानों को मंगलवार को बंद रखने की चेतावनी दी है,जिसको लेकर कुछ विचार व सुझाव भी सामने आने लगे है।इधर उद्योग व्यापार मण्डल रुद्रप्रयाग के अध्यक्ष राय सिंह बिष्ट,महामंत्री शुरवीर सिंह,कोषाध्यक्ष कुलदीप सिंह कप्रवाण द्वारा विश्व हिन्दू परिषद रुद्रप्रयाग के अध्यक्ष को एक सुझाव पत्र भेजा गया कि मंगलवार को मीट-मांस व नाई की दुकाने बंद रखने पर व्यापार संघ आपके साथ है,मगर यह नियम केवल रुद्रप्रयाग बाजार तक ही सीमित ना किया जाये इसे पूरे जनपद सहित देवभूमि उत्तराखंड मे लागू किया जाना चाहिए।साथ ही ऐसे निर्णयों से पहले व्यापार सभा को भी विश्वास मे लिया जाना चाहिए।वहीं कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित धार्मिक विचारों से जुड़े लोगों का मानना है कि केवल मंगलवार को मीट-मांस विक्रेताओं एंव नाई की दुकानों को बंद किया जाता है,जबकि मंगलवार को अन्य होटलों, ढाबों, रेस्टोरेंटों मे मीट,चिकन खुलेआम बिकता रहता है,कई दुकानें मे चिकन खुले आम टंगे भी रहते है,इस दिशा मे भी गंभीरता से सोचा जाना चाहिए ताकि नियम और धार्मिक पालन सभी पर एक जैसा लागू हो।अब देखना होगा कि मीट-मांस व नाई की दुकानों के साथ साथ मंगलवार को मीट,मांस बनाकर बेचने वालों पर भी हिन्दू संगठनों की पैनी नजर पड़ेगी या नहीं।