रिपोर्ट हरेंद्र बिष्ट।
थराली। “एक प्रभारी सब पर भारी ” यह कहावत सिंचाई खंड थराली पर सटीक बैठते दिख रही हैं। थराली डीविजन पिछले 3 सालों से प्रभारी अधिशासी अभियंता के भरोसे चल रहा हैं, सत्ता पक्ष के नेताओं के द्वारा प्रभारी की कार्यशैली को लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार लगा चुके हैं , किंतु अपनी राजनीतिक पहुंच के चलते उनका बाल बांका नही कर पा रहे है ।मजे की बात है कि पिछले साल विधायक की मांग पर एक ईई की यहां तैनाती के आदेशों को मात्र तीन दिनों में ही पलट दिया गया। पिछले कुछ समय से सिंचाई खंड थराली में तैनात प्रभारी ईई राजकुमार चौधरी के लेकर पिंडर घाटी की राजनीति गरमाई हुई हैं। थराली खंड में तैनात प्रभारी ईई 2014 में बतौर सहायक अभियंता आएं थे। 2021 में यहां पर नियुक्त ईई को चमोली डीविजन ट्रांसफर करवा कर अपने आप को इस डीविजन का प्रभारी ईई बनाने में चौधरी ने सफलता हासिल कर ली। तब से वें यहां बतौर एई एवं ईई कार्य कर रहे हैं। थराली के विधायक भूपाल राम टम्टा की मांग पर 29 मई 2023 को अवस्थपना पुनर्वास डीविजन ऋषिकेश में तैनात ईई बहादुर सिंह यादव को थराली के लिए तबादले का सचिव हरीश सेमवाल ने आदेश जारी किए। किंतु मात्र 3 दिन बाद ही 1 जून को सचिव ने ट्रांसफर को रद्द कर दिया।माना जा रहा है कि इस ट्रांसफर को रद्द करने में प्रभारी चौधरी ने अपने राजनीतिक पहुंच का इस्तेमाल किया । ट्रांसफर रूकने के बाद प्रभारी की खिलाफत तेज हो गई। 6 जून को थराली के चेपड़ों में आयोजित सौर्य शहीद मेले के उदघाटन में पहुंचे सीएम पुष्कर सिंह धामी को भाजपा मंडल अध्यक्ष थराली, नारायणबगड़,देवाल के साथ ही कई भाजपा नेताओं ने एक ज्ञापन सौंपकर प्रभारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए थराली में स्थाई ईई नियुक्त करने की मांग उठाई। किन्तु आज भी यह मांग धरी की धरी रह गई।मजे की बात तो यें है कि लोकसभा की चुनाव आचार संहिता लागू होने के दरमियान 11 फरवरी 2024 को भाजपा के नारायणबगड़ , थराली एवं देवाल मंडल अध्यक्षों,कई भाजपा नेताओं के अलावा देवाल कांग्रेस ब्लाक अध्यक्ष ने प्रभारी को लेकर मुख्य चुनाव आयोग भारत सरकार को एक शिकायत पत्र भेजा की जिसमें प्रभारी के 9 सालों से थराली में जमें रहने व चुनावों को प्रभावित करने की आशंका जताई गई ,शिकायत पर आयोग के निर्देश पर उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तराखंड किशन सिंह नेगी ने विभागाध्यक्ष को आवश्यक कार्रवाई के लिए पत्र जारी किया किन्तु इस पर भी कोई कार्यवाही नही हो पाई। एक तरह से प्रभारी की राजनीतिक पहुंच के आगे सब गौण बन कर रह गए हैं। प्रभारी ईई के कारण पिंडर घाटी के नेता व ठेकेदार दो धड़ें में बट गए हैं। 26 जुलाई को को कुछ नेताओं व ठेकेदारों ने ईई की स्थाई नियुक्ति, सिंचाई खंड थराली के तीन वर्षों के कार्यों की एसआईटी जांच किए जाने की मांग को लेकर एसडीएम थराली के माध्यम से सीएम को एक ज्ञापन भेजा। इस ज्ञापन के विरोध में थराली व नारायणबगड़ के ब्लाक प्रमुखों के अलावा कुछ पंचायत प्रतिनिधियों, ठेकेदारों ने प्रभारी के पक्ष में 27 जुलाई को एसडीएम के माध्यम से सीएम को पत्र भेजा जिसमें प्रभारी का पक्ष लेते हुए शिकायत को गलत बताते हुए उनके कार्यों की सराहना की यही नही बीते सोमवार को ठेकेदारों की एक बैठक में ठेकेदार दो धड़ों में बटे दिखें।प्रभारी को लेकर आने वाले दिनों में पिंडर क्षेत्र की राजनीति गर्माने के आसार बने हुए हैं। जिससे आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील पिंडर घाटी में विभाग के कार्यों पर विपरीत प्रभाव पड़ने की आशंका जताई जा रही हैं।