रिपोर्ट- सत्यपाल नेगी/रुद्रप्रयाग
रुद्रप्रयाग- जनपद रुद्रप्रयाग की ग्राम पंचायत कुरझण के संस्कृत विद्यालय में आज छात्रों द्वारा संस्कृत दिवस एंव रक्षाबंधन के अवसर पर संस्कृत भाषा के महत्व को जन जन तक पहुँचाने हेतु जागरूकता रैली के माध्यम से घर से लेकर देश की संसद तक संस्कृत भाषा बोलने,पढ़ने की अपील की गई। आपको बता दें कि जनपद रुद्रप्रयाग के कुरझण गाँव में सदियों से संस्कृत विद्यालय मौजूद हैं,यहाँ पर दूर दूर से संस्कृत भाषा पढ़ने छात्र आते हैं, मगर हैरानी की बात है कि राज्य बनने के बाद से इस क्षेत्र की जनता,बुद्धिजीवी पंडितो,सामाजिक संगठनों,से लेकर छोटे बड़े जनप्रतिनिधियों और सरकारों ने कभी भी इसके व्यापक विस्तार व प्रचार प्रसार पर ध्यान नहीं दिया,जिसकारण आज यहाँ पहले से छात्र संख्या कम होती जा रही है।इसका सीधा असर भारत की सनातन संस्कृति,सभ्यता,धार्मिक आस्था पर पड़ने वाला है।जरूरी है कि समय रहते सभी को चिंतन मंथन करना ही होगा। विद्यालय के आचार्य नवीन नोटियाल ने कहा कि आज संस्कृत दिवस के अवसर पर यहाँ के छात्रों के साथ साथ अन्य स्कूलों से आये बच्चों को भी अपनी पौराणिक राष्ट्र भाषा संस्कृत के महत्व की बारीकी से जानकारी दी गई,ताकि वे अपने घरों में भी धीरे धीरे संस्कृत भाषा के शब्दों को बोले, संस्कृत के प्रति आदर सम्मान दे सके। वहीं शिक्षक महादेव प्रसाद पुरोहित ने कहा कि आज,रक्षाबंधन,पूर्णमासी,श्रावणी उपाकर्म,संस्कृत दिवस जैसे शुभ तिथियां है। उन्होंने कहा कि कुरझण संस्कृत विद्यालय के द्वारा आज युवा पीढ़ी को अपनी मातृ भाषा संस्कृत के प्रति जागरूक करने के लिए रैली निकाली गई,जो कि बहुत ही सराहनीय प्रयास किया गया।उन्होने सभी को संस्कृत दिवस एंव रक्षाबंधन पर्व की शुभकामनाएं भी दी। सामाजिक कार्यकर्ता रितेश पाण्डे ने कहा कि संस्कृत से ही पूरे विश्व में भारत देश की पहिचान है, हमारे वेद,पुराण,आदि सभी ग्रन्थों से हमे अपनी संस्कृत भाषा का ज्ञान मिलता है, जबकि विदेशी लोग हमारी संस्कृति को अपने लगे हैं,मगर हम हिंदुस्तानी अपनी संस्कृत भाषा से दूरी बना रहे हैं, जो कि सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति के लिए बड़ा चिंतन मंथन का विषय है,उन्होंने नई पीढ़ी के सभी बच्चों को अनिवार्य रूप से अपनी संस्कृत भाषा बोलने के लिए प्रेरित किया।