हरेंद्र बिष्ट।
भराड़ीसैंण (गैरसैंण) पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाएं जाने के लिए गैरसैंण शहीद स्मारक पर उपवास रखा।
अपने नए -नए स्टेंडों के लिए मशहूर पूर्व सीएम ने भरी दोपहर टार्च एवं केंडिल जला कर जब स्थाई राजधानी गैरसैंण का बोर्ड ढूंढने लगे तो मौजूद कांग्रेसियों ने जोरदार तरीके से गैरसैंण को राज्य की स्थाई राजधानी बनाएं जाने के नारे बुलंद कर दिए। बुधवार को जैसे ही राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में मानसून सत्र शुरू हुआ वैसे ही पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने गैरसैंण में स्थाई राजधानी गैरसैंण बनाए जाने की मांग को लेकर एक दिवसीय उपवास रखा। प्रातः काल से ही पूर्व सीएम रावत के नेतृत्व में रखें जाने वाले उपवास को लेकर सरकार, कांग्रेस एवं क्षेत्रीय लोगों में भारी उत्सुकता बन गई थी। करीब 12 बजें शहीद स्मारक पर सभी कांग्रेसी एकत्रित हुए वहां से एक रैली निकाली गई जो जीएमवीएन, विकासखंड कार्यालय, तहसील कार्यालय होते हुए वापस शहीद स्मारक पहुंचा।इस दौरान जहां एक और कांग्रेसी गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने के समर्थन में जोरदार नारेबाजी कर रहे थे।वही हरीश रावत के नेतृत्व में कई कांग्रेसी भरी दोपहर टार्च, एवं केंडिल जला कर गैरसैंण राजधानी के बोर्ड ढूंढते फिर रहे थे। जोकि लोगों के बीच कोतुहल का विषय बना रहा। शहीद स्मारक पर पहुंची रैली एक सभा में तब्दील हो गई। यहां पर भी हरीश रावत ने युवाओं,महिलाओं को रोजगार ना दे सके वो सरकार निकम्मी है, महिलाओं का सम्मान ना दे सकने वाली सरकार बदलनी हैं के नारे देने पर कांग्रेसियों में नया जोश भर रहा था।इस दौरान रावत ने कहा कि अगर 2027 में कांग्रेस की पूरी बहुमत की सरकार आएगी तो हरहाल में भराड़ीसैंण गैरसैंण को राज्य की स्थाई राजधानी बनाया जाएगा। कहा कि अगर 2022 में कांग्रेस की सरकार राज्य में बन जाती तो आज तक गैरसैंण उत्तराखंड की स्थाई राजधानी बन चुकी होती किंतु उनके सपने, सपने ही रह गए। उन्होंने वर्तमान सरकार पर गैरसैंण क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने से पूर्व जो मूलभूत सुविधाओं पर उन्होंने कार्य शुरू किए थे वे पिछले 7 सालों से वही के वही पड़ें हुए हैं।इस मौके पर उन्होंने राज्य के कई प्रमुख मुद्दों को भी उठाने के प्रयास किए।इस अवसर पर मंगलौर के विधायक काजी निजामुद्दीन, हरिद्वार ग्रामीण की विधायक अर्पणा रावत, धारचूला विधायक हरीश धामी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण सहित कई कांग्रेसी नेताओं ने विचार व्यक्त किए।