रिपोर्ट हरेंद्र बिष्ट।
थराली/देवाल। शुक्रवार के देर रात करीब 9 बजें विकासखंड थराली एवं देवाल के माध्यम बिंदु मे स्थित भैकलताल क्षेत्र में फटे बादलों ने थराली एवं देवाल ब्लाकों में भारी कहर बरपाया है।
बादलों के फटने के बाद थराली में बहने वाली प्राणमती एवं देवाल में बहने वाले बगड़ीगाड़ गदेरे के उफान पर आने के चलते थराली से लेकर रतगांव एवं देवाल के ल्वाणी से लेकर मुन्दोली तक ग्रामीणों के अपनी रात जागकर गुजारनी। दरअसल शुक्रवार को भैकलताल क्षेत्र में फटे बादलों के चलते बगड़ीगाड़ गदेरा ऊफान पर आ गया। इसके कारण बगड़ीगड़-हरनी को जोड़ वाला जिला पंचायत चमोली द्वारा निर्मित लोह पैदल सेतु बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया हैं। इसके साथ ही हरनी -मंदोली-रतगांव जाने वाले पैदल मार्ग पर बनी जिला पंचायत की पैदल पुलिया बह गई हैं। राजजात यात्रा राजमार्ग थराली -देवाल-वांण के बगड़ीगाड़ गदेरे में भौरियाबगड़ नामक तोक पर बने मोटर पुल को भी भारी खतरा उत्पन्न हो गया हैं। इसके अलावा यहां पर मोटर सड़क भी बह गई है। बगड़ीगाड़ में शिव मंदिर परिसर,बीएड कालेज में लगा बिजली का ट्रांसफार्मर, पूराने घराट उमेद सिंह का मछली का तालाब बह गया है। हरनी गांव में हरिकृष्ण पांडे, लक्ष्मण सिंह की गौशालाओं में मलुवा घुस गया।वही यहां पर नरेंद्र सिंह, बख्तावर सिंह, प्रदुम्न सिंह, जयकृष्ण पांडे आदि की कृषि भूमि बह गई है। यहां पर मंदोली, हरनी,बगड़ीगाड़, ल्वाणी आदि गांवों के ग्रामीणों ने पूरी रात जागकर गुजारी। इधर बगड़ीगाड़ गदेरे के उफान पर रहने के कारण अचानक कैल नदी का जलस्तर काफी अधिक बढ़ गया।
जिससे पिंडर नदी भी उफान पर आ गया, जिससे थराली नगर क्षेत्र में पिंडर का पानी आवासीय भवनों में घुस गया। पिंडर का जलस्तर बढ़ने के कारण रामलीला मैदान, यहां पर स्थित शिशु मंदिर,बेतालेश्व मंदिर,पिंडर पब्लिक स्कूल के अलावा रामलीला मैदान से लेकर एसबीआई बाजार तक नदी के किनारे स्थित आवासीय मकानों में पानी जा घुसा जिससे लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ा। पिंडर में लगातार बढ़तें जलस्तर को देखते हुए पुलिस, प्रशासन ने नदी किनारे के घरों को सुरक्षा की दृष्टि से खाली करा लिया था।पूरी रात पुलिस एवं तहसील के अधिकारी नगर क्षेत्र में गस्त करते रहे। नागरिकों ने पूरी रात जागकर गुजारी।एक बार फिर से प्राणमती नदी के उफान पर आने के कारण आपदाग्रस्त थराली गांव की शिव मंदिर पूरी तरह से बह गया है। जबकि थराली से लेकर रतगांव तक नदी ने कृषि भूमि से अन्य परिसम्पतियों को काफी नुकसान हुआ हैं। लोनिवि थराली के सहायक अभियंता जेके टम्टा ने बताया कि थराली -देवाल-वांण राजमार्ग किमी 10,11 सहित देवाल से आगे कई स्थानों पर मार्ग अवरूद्ध पड़ा है जिसे खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं।