हरेंद्र बिष्ट की रिपोर्ट।
थराली।
गुरुकुल श्री बदरी नारायण संस्कृत विद्यालय रायकोली थराली में दो दिवसीय कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव का समापन हो गया हैं। मंगलवार को गुरूकुल परिवार ने एक झांकी निकाल कर आसपास के गांवों में भ्रमण किया इस दौरान कृष्ण भक्तों ने झांकी का भव्य रूप से स्वागत एवं विदा किया।
गुरुकुल श्री बदरी नारायण संस्कृत विद्यालय रायकोली थराली में कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के तहत सोमवार को भजन संध्या एवं रात्रि जागरण किया गया। मध्यरात्रि में कृष्ण जन्म जी के समय आचार्य विवेकानंद ने गोपाल जी का वेद मंत्रो से महाभिषेक एवं श्रृंगार कराया गया। इसके बाद कृष्ण के भजनों के साथ श्री कृष्णा की आरती की गई। मंगलवार को प्रातः गुरुकुल परिवार द्वारा कृष्ण की एक झांकी तैयार कर निकाली गई जोकि रायकोली,भेटा,तल्ली सिनई,माल बज्वाड़, मेल्ठा, देवल,किमनी,कांखड़ा होते हुए अपने अंतिम पड़ाव चौंडा गांव से होते हुए गुरुकुल में पहुंची। इस दौरान गांवों में झांकी का कृष्ण भक्तों ने भव्य स्वागत एवं विदाई दी गई। इस दौरान गांवों में झोड़ा, चांचरियों का भी आयोजन किया जाता रहा।इस दौरान इस क्षेत्र के ग्रामीण अंचल कृष्णमय हो उठें।कार्यक्रम के मुख्य आयोजक गुरुकुल के प्रबंधक एवं उत्तराखंड की प्रथम युवा महिला कथावाचक राधिका जोशी केदारखंडी एवं नवीन जोशी ने बताया कि हमारी संस्कृति के लिए हमारा गुरुकुल परिवार जन सेवा एवं देव कार्यों में सदैव तत्पर हैं। इसके तहत अपनी धार्मिक क्रियाकलापों का आयोजन किया जाता रहा हैं। ताकि सभी को अपने धार्मिक महत्व की जानकारी मिल सके।