हरेंद्र बिष्ट की रिपोर्ट।
थराली/देवाल।
नंदादेवी के मुह बोलें भाई एवं श्री नंदादेवी राजजात यात्रा के मुख्य अगवा लोटू देवता के प्रसिद्ध धाम वांण में इन दिनों डिग्री आठवी के प्रतिष्ठान की धूम मची हुई हैं। डिग्री आठवी का आयोजन वांण गांव में 11 वर्षों के लंबे समयांतराल बाद आयोजित हो रही हैं। श्री नंदादेवी राजराजेश्वरी मां भगवती की प्रति वर्ष कुरूड़ से वेदनी बुग्याल तक लोकजात यात्रा एवं 12 वर्षों में श्री नंदादेवी राजजात यात्रा का आयोजन होता है। दोनों यात्राओं के निमित्त वांण गांव यात्रा मार्ग का अंतिम आवादी गांव हैं इसके बाद यात्रा निर्जन पड़ावों में प्रवेश कर जाती हैं। वांण गांव में ही नंदा के मुंह बोलें भाई लाटू देवता का प्रसिद्ध मंदिर है, जहां पर सालभर नंदा एवं लाटू भक्तों का दर्शनों के लिए आना-जाना लगा रहता है। लाटू धाम में नंदा,लाटू के नाम पर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होते रहते है। इसके तहत सोलपाती,अठवाड़ सहित डिग्री आठवी का आयोजन प्रसिद्ध है । इस आयोजन के संबंध में लाटू देवता के मुख्य पंडितों में साम्लित उमेश कुनियाल ने बताया कि डिग्री आठवी के तहत 10 दिनों तक नंदा मंदिर में विशेष पूजा के साथ ही देवताओं की स्तुति कर उनको नचाया जाता है। परंपरा के अनुसार 8 दिनों तक पूजा प्रतिष्ठान गांव के मध्य स्थित पंचायती मंदिर चौक में होता जोकि इस आयोजन के तहत 10 सितंबर तक इसी चौक में अनुष्ठान का आयोजन किया जाएगा। 11 सितंबर को अष्टमी के दिन सभी लोग गांव के पास स्थित भारकोट नाम स्थान पर जहां नंदादेवी का मंदिर है पूजा शुरू होगी, यहां पर कनेला (एक विशेष प्रजाति का कांटे) को विधि-विधान के साथ काटा जाता है। उसके बाद उस कांटे से गांव के गितोरू नंदा गीतों के साथ भगवती की मूर्ति बनाएंगे उसके बाद उस मूर्ति में प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी और मध्यरात्रि से इसके दर्शनों के साथ ही विरोष पूजा शुरू होगी। ब 12 सितंबर को इस मूर्ति को भारकोट मंदिर से भावपूर्वक विदा कर गांव में स्थित पित्र मोड़ में पानी के गद्देरे के किनारे सुलाया जाएगा। इसके साथ ही 10 दिवसीय डिग्री आठवी के आयोजन का समापन हो जाएगा।इसका आयोजन सामुहिक रूप से किया जा रहा है। परंपरा के तहत डिग्री आठवी के तहत गांव के गितोर नंदा,लाटू के स्तुति गीतों के गानें वाले हुकम सिंह, महिपाल सिंह, हुक्म सिंह,हरपाल सिंह, खिलाफ सिंह आदि के द्वारा कनेला के कांटे से देवी का स्वरूप बनाएंगे ।जबकि गांव के कुंवर सिंह ,उम्मेद सिंह,गोपाल सिंह,राजेंद्र सिंह,कुंवर सिंह,अवतार सिंह आदि द्वारा के द्वारा पंडित उमेश कुनियाल, रमेश कुनियाल, हरीदत कुनियाल के द्वारा मंत्रों के साथ इस स्वरूप में शक्ति अष्टमी की रात्रि को प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। उसके बाद इसके दर्शन एवं पूजा का सिलसिला शुरू हो जाएगा।इस कौथीग को सफल बनाने के लिए आयोजन कमेटी के अध्यक्ष पान सिंह बिष्ट,रघुवीर सिंह, हीरा सिंह ,चंद्र सिंह,खिलाप सिंह,नारायण सिंह,प्रताप सिंहे लक्ष्मण सिंह,मादो सिंह, खिमसिह, गणेशी देवी,देवकी देवी,नर्मदा देवी, पुष्पा देवी, सरस्वती देवी आदि जुटे हुए हैं।