हरेंद्र बिष्ट की रिपोर्ट।
थराली। बधाण की नंदादेवी राजराजेश्वरी मां भगवती की कैलाश यात्रा अपने अंतिम आवादी पड़ावों को छोड़ निर्जन पड़ाव गैरोलीपातल पहुंची गई है। सोमवार को अंतिम आवादी गांव एवं नंदा के धर्म भाई लाटूधाम से जब देवी को कैलाश के लिए विदा किया गया तों उपस्थित नंदा भक्त अपनी भावुकता को रोकें नही रोक पाएं।कई लोगों की आंखें इस दौरान नम हो उठी मंगलवार को विश्व के बड़े बुग्यालों में सुमार वेदनी में जात (नंदा भगवती की विशेष पूजा) के बाद नंदा को अकेले ही कैलाश को विदा करने के बाद उत्सव डोली सहित यात्री वापस अपने घरों को लौट जाएंगे। सोमवार को नंदा लोकजात यात्रा लाटूधाम एवं यात्रा के अंतिम आवादी गांव वांण से अपने 18 वें पड़ाव वांण से विदा हो कर निर्जन पड़ाव गैरोलीपातल पहुच गई हैं। दोपहर 1 बजें यात्रा को वांण गांव के देवी चौक से मार्मिक झोड़ो,ढोलदमाऊ, शंखों, घंटियों,भूकरों के वादन के साथ जब विदा किया जा रहा था तो पूरा वातावरण बेहद मार्मिक हो उठा था। विदाई की बेला पर कई भक्तों की आंखें नम हो उठी। जैसे ही नंदा की उत्सव डोली को कैलाश के लिए रवाना किया महिलाओं ने फूल,पाती, चावल,जो डोली के पीछे से फैंक कर विदा किया।इस दौरान पूरा वांण गांव के जयकारों से गूंज उठा। नंदा चौक वांण से यात्रा लाटू मंदिर, ऐतिहासिक स्थल रणकाधार, पवित्र नील गंगा होते हुए देर सायं गैरोलीपातल पहुंच गई हैं। लोकजात के तहत यात्रा के गैरोलीपातल पहुंचने एवं पहुंचने के बाद सैकड़ों नंदा भक्तों ने गैरोलीपातल एवं वेदनी बुग्याल में अपने आशियाने लगा लिए हैं जिससे इस क्षेत्र के दृश्य देखते ही बन रहें हैं।
वांण से भावुक हो कर किया विदा
नंदादेवी लोकजात यात्रा के 18 वें पड़ाव गैरोलीपातल को विदा करने के लिए गढ़वाल की पिंडर घाटी, कुमाऊं की कत्यूर घाटी के अलावा भारी संख्या में नंदानगर(घाट)से सैकड़ों नंदा भक्त वांण पहुंचे।इस दौरान कुरूड़ बधाण नंदादेवी समिति के अध्यक्ष नरेश गौड़, पूर्व अध्यक्ष मंशाराम गौड़, कालिका गौड़, अनिल गौड़, सुभाष गौड़,हरि गौड़, राकेश गौड़, दिनेश गौड़ सहित तमाम अन्य गौड़ ब्राह्मणों के अलावा लाटू देवता के पंडित उमेश कुनियाल, हरिदत्त कुनियाल आदि ने भक्तों की पूजा सम्पन्न करवाईं, जबकि गांव की प्रधान पुष्पा देवी, जिपंस कृष्णा बिष्ट,लाटू पुजारी खीम सिंह,प्रताप सिंह,जगत बिष्ट, अवतार सिंह बिष्ट, रघुवीर बिष्ट, त्रिलोक सिंह कुंवर आदि ने श्रद्धालुओं का स्वागत किया।
मंगलवार को होगी सप्तमी की जात, नंदा जाएगी अकेले कैलाश,उत्सव डोली यात्रि लौट पड़ेंगे वापस
मंगलवार को वेदनी बुग्याल से नंदा भगवती को कैलाश विदा करने के बाद नंदा का उत्सव डोला एवं यात्री अपने घरों को लौट जाएंगे। तय कार्यक्रम के अनुसार नंदा भगवती का डोला तड़के गैरोलीपातल से वेदनी के लिए रवाना होगा। करीब 8 बजें से वेदनी में देवी की पूजा अर्चना शुरू हो जाएगी।इस दौरान पित्रों के लिए वेदनी कुंड में तर्पण सहित तमाम धार्मिक अनुष्ठानों को सम्पन्न किया जाएगा।अंत में देवी भगवती को कैलाश विदा के साथ ही उत्सव डोली एवं यात्री वापस लौट पड़ेंगे। सिद्धपीठ देवराड़ा थराली में छः माह के प्रवास के तहत डोली वापसी के पहले पड़ाव बांक गांव पहुचेगी।