लक्ष्मण सिंह नेगी। भगवान बद्री विशाल आज 52 द्वादशी के दिन अपनी माता से मिलने के लिए माता मूर्ति(माणा) जाते हैं जहां पर अपनी माता के दर्शन के बाद बद्रीनाथ वापस लौटते हैं माता मूर्ति माणा गांव में पड़ता है यहां पर माणा घंटाकरण (घनियाल) बद्री विशाल को एक दिन पहले आमंत्रण देने बद्रीनाथ आई थे दूसरे दिन अर्थात 52 द्वादशी आज रात भगवान नारायण माता मूर्ति को मिलने के लिए माना गांव पहुंचे माता मूर्ति में स्वयं उपस्थित रहते हैं भगवान बद्री विशाल के मुख्य रावल इस दिन इस स्थान पर माता मूर्ति की पूजा अर्चना करते हैं भगवान नारायण की चल उत्सव मूर्ति डोली में रखकर माता मूर्ति माणा गांव में जाती है वहां पर भगवान दर्शन के बाद शाम को वापस लौट जाती हैं। इसी के साथ माता मूर्ति मेल भव्य रूप से आयोजित होता है स्थानीय एवं वाहर से भी आये हुए भक्त लोग पारंपरिक लोकगीतों का गायन करते हैं और बड़ी संख्या में लोग इस कार्यक्रम में आज उपस्थित थे बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के कर्मचारी भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे भारतीय तिब्बत सीमा के जवानों ने व कर्मचारी भी इस कार्यक्रम में उपस्थित होकर कार्यक्रम में सहयोग किया।