डोईवाला (प्रियांशु सक्सेना)। स्पर्श गंगा अभियान के स्थापना दिवस के अवसर पर स्पर्श हिमालय विश्वविद्यालय में हिमालयन एजुकेशनल एन्ड रिसर्च डेवलपमेन्ट सोसाइटी द्वारा स्पर्श गंगा शिक्षा श्री सम्मान का आयोजन किया गया। जिसमें शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले पांच शिक्षकों को सम्मनित किया गया। सोसाइटी के अध्यक्ष प्रो अतुल जोशी ने कहा गंगा को बचाने के लिए हमें पकहाडों के धारे नौले बचाने होंगे। स्पर्श गंगा अभियान एक पवित्र अभियान है डॉ निशंक ने गंगा के महात्म्य को बचाने के लिए इस पवित्र अभियान की नींव रखी। प्रो प्रभाकर बडोनी ने कहा कि हम भाग्यशाली हैं कि हम उत्तराखंड में हैं। आज विश्व के कई देश जल संकट से जूझ रहे हैं ऐसे में हमारे पास अनगिनत जीवनदायिनी नदियां हैं ग्लेशियर हैं जो हमें जल प्रदान कर रहे हैं। अभियान का मूल उद्देश्य पर्यावरण की रक्षा करना हैं। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डॉ काशीनाथ जेना ने कहा गंगा सिर्फ नदी नहीं है गंगा एक जीवन दर्शन है जीवनदायनी है। पद्मश्री कल्याण सिंह रावत मैती ने कहा कि हिमालय के बुग्याल जड़ी बूटियों का घर है हिमालय के पहाड़ों और बुग्यालों से निकला यही जल गंगा जल है जिसमे अनगिनत औषधीय गुण हैं। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा गंगा सिर्फ भारत नहीं पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है। जागरूकता और अज्ञानता की वजह से आज गंगा प्रदूषित हो रही है। गंगा की सेवा एक अवसर है इसी अवसर को गंगा अमृत है। उन्होंने कहा इस अभियान से जुडा हर छात्र स्पर्श गंगा अम्बेसडर हैं। कार्यक्रम में डॉ सरिता उनियाल, डॉ दीपा सिंह, बिंदु साह, यशपाल सिंह रावत, सुरजी नेगी को सम्मानित किया गया। इस मौके पर डॉ अनिल कुमार झा, डॉ सर्वेश उनियाल, प्रो एसडी तिवारी, अरविंद अरोड़ा, रीता चमोली, सरोज डिमरी, पुरुषोत्तम डोभाल आदि रहे।