हरेंद्र बिष्ट की रिपोर्ट।
थराली। बधाण की नंदादेवी के सिद्धपीठ देवराड़ा थराली को 2026 में होने वाले श्री नंदादेवी राजजात के दौरान देवराड़ा को पड़ाव घोषित किए जाने एवं देवराड़ा को भी राजजात के पड़ाव मानचित्र में सम्मिलित किए जाने की मांग को लेकर जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा। मां नंदादेवी राजराजेश्वरी सिद्धपीठ देवराड़ा समिति के अध्यक्ष भुवन हटवाल ने जिलाधिकारी संदीप तिवारी से मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा जिसमें कहा गया हैं कि 2000 एवं 2014 में सम्पन्न हुई श्री नंदादेवी राजजात में सिद्धपीठ देवराड़ा को ना तो पड़ाव घोषित किया गया था और ना ही उसे नंदादेवी राजजात के मानचित्र पर ही दर्शाया गया था। जबकि होम कुंड में राजजात के समापन के बाद बधाण की नंदा राजराजेश्वरी की उत्सव डोली अपने कई परम्परागत पड़ावों से होते हुए अपने अंतिम पड़ाव देवराड़ा पहुंचती हैं और यहां के मंदिर में 6 माह तक के लिए विराजमान हो जाती हैं।बधाण क्षेत्र में तभी नंदा राजजात का विधिवत समापन होता है बावजूद इसके देवराड़ा को पड़ाव एवं मानचित्र में सामिल नही किया जाना बधाण क्षेत्र की खुली उपेक्षा हैं। अध्यक्ष ने देवराड़ा को पड़ाव घोषित किए जाने एवं मानचित्र में प्रदर्शित करने की पूरजोर मांग की। अध्यक्ष ने बताया कि जिलाधिकारी ने देवराड़ा को पड़ाव घोषित किए जाने एवं राजजात यात्रा मानचित्र में प्रदर्शित करने का आश्वासन दिया।