जोशीमठ (लक्ष्मण सिंह नेगी)चमोली। जहां लोकसभा का चुनाव का रणभेरी बढ़ चुका है वही जोशीमठ के रेणी ऋषि गंगा के आपदा पीड़ित आज भी आपदा की धंस झेल रहे हैं कई गांव में आज रसियोयों के सहारे जिंदगी चलती है कहानी ट्रॉली के सहारे जिंदगी नदियों से आर पार होती है दूसरी तरफ सरकारें पलायन की बात करती है उन गांव से पलायन निश्चित है जहां वर्ष 2021 की आपदा से पुल बह गए थे आज तक नहीं बने हैं भल्ला गांव सूखीं के प्रधान लक्ष्मण सिंह बुटोला कहते हैं कि कई बार हमने विधायकों सांसदों जिलाधिकारी को इन पुलों के संबंध में पत्र व्यवहार किया कोई सुनने वाला नहीं है लगातार रैणी जुवां ग्वाड गगापार के लोग पुल निर्माण की बात करते रहे हैं कोई सुनने वाला नहीं है सीमांत क्षेत्र के लोग आज भी मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं कहीं सड़क की मांग है तो कही पुलों की मांग की जा रही है लोगों की विस्थापन की समस्या जैसी की वैसी हैं नेताओं को वोट चाहिए बाकि जनता से कुछ लेना देना नहीं है।रैणी गांव के प्रधान भगवान सिंह कहते हैं कि लगातार रैणी आपदा के बाद हम लोग पैदल पुलों की मांग कर रहे हैं हमारी बात कोई सुनने वाला नहीं रेणी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लोग जानते हैं
किंतु यहां की समस्याएं सुनने वाला कोई नहीं है उन्होंने कहा कि हमने विधायक से भी कई बार इस प्रकार में बात रखी उसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हो पाई। लोगों ने एक ज्ञापन पत्र जिलाधिकारी चमोली को प्रेषित कर कहां है कि क्यों नहीं वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर दिया जाए जब हमारे कार्य होने ही नहीं है तो वोट देकर क्या फायदा है एक ज्ञापन पत्र जिलाधिकारी को प्रेषित कर ग्रामीणों ने निर्णय लिया है वह वोट बहिष्कार करेंगे और यह चिपको आंदोलन का महत्वपूर्ण गांव है जहां के लोग वोट बहिष्कार के लिए एकजुट हो रहे हैं।