उत्तरकाशी। द्रोपदी डांडा-2 में एवलांच से अब नौ लोगों की मौत की सूचना आ रही है। दल के बीस लोगों के फंसे होने की बात शुरू से कही जा रही थी। जिसमें से नौ के शव बरामद किए गए हैं। अन्य की खोजबीन जारी है।
निम नेहरु प्रशिक्षण संस्थान के प्रशिक्षुओं और प्रशिक्षकों को लेकर अब तक भ्रामक खबरें आ रही थी। पहले 28 सदस्यीय दल बताया गया, फिर इनकी संख्या 29 बताई गई, अब बताया जा रहा है कि नियमित प्रशिक्षण के लिए 22 सितंबर को गए इस दल में 40 सदस्य थे। जिसमें 33 प्रशिक्षु और सात प्रशिक्षक थे। अब बताया जा रहा है कि एडवांस प्रशिक्षण ले रहे दल में 53 लोग शामिल थे, जिसमें 44 प्रशिक्षु और नौ प्रशिक्षक हैं। प्रशिक्षण पूर्ण करने के बाद, द्रोपदी डांडा-2 चोटी से वापस आनके बाद दल वापसी की राह पर था। मंगलबार की सुबह अचानक हिमस्खलन हो गया। हिमस्खलन में अधिकांश लोग फंस गए। हादसे की सूचना मिलते ही सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, जिला प्रशासन बचाव एवं राहत कार्य में जुट गए।
निम का दल प्रशिक्षण के बाद वापस लौट रहा था कि डोकरानी बामक ग्लेशियर से हुए हिमस्खलन की चपेट में आ गए। निम के कर्नली अजय बिष्ट के हवाले से मीडिया को मिल रही सूचनाओं में बताया जा रहा है कि नौ शव बरामद हुए हैं। जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला के अनुसार मौसम खराब होने की वजह से रेस्क्यू रोका गया है। मौसम ठीक होने पर फिर शुरू किया जाएगा।
देहरादून के सहस्त्रधारा हैलीपैड पर तीन हैलीकाप्टर उत्तरकाशी के लिए रवाना हुए हैं। कुछ को स्टेंड बाई के तौर पर तैनात रखा गया है। अब रेस्क्यू किए गए लोगों की संख्या बीस बताई जा रही है। जिसमें 17 प्रशिक्षक और 3 प्रशिक्षु बताए गए हैं।