हरेंद्र बिष्ट की रिपोर्ट।
थराली।
निपुण भारत मिशन के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए जनपद के कर्णप्रयाग एवं पोखरी विकासखंड के राजकीय प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों का दो दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न हो गया हैं।जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान चमोली ( गौचर) में संपन्न हुए प्रशिक्षण में दोनों विकासखंडों के 52 प्रधानाध्यापकों ने प्रतिभाग किया गया l
दो दिवसीय फ़ॉलोअप में विद्यालयों में किये जा रहे प्रयासों को प्रधानाध्यापकों द्वारा साझा किया गया, उनके द्वारा बताया गया कि उनके विद्यालयों में बाल मित्र पुस्तकालय हैं,जिसका संचालन बाल प्रबंधन समिति कर रही हैं। समुदाय से अभिभावक भी पुस्तकें घर ले जाकर अपने बच्चों के साथ पढ़ रहे हैं।इससे अभिभावक विद्यालय से लगाव महसूस कर रहे हैं। विद्यालय के शिक्षकों द्वारा विभिन्न प्रोजेक्ट पर कार्य किया गया जिसमें बहुभाषी प्रार्थना सभा, बुनियादी साक्षरता एवं बुनियादी संख्या ज्ञान को प्राप्त करने के लिए आदर्श पाठ योजनाओं का निर्माण , अधिगम शिक्षण सामग्री का निर्माण एवं उसका प्रभावी उपयोग हर शनिवार को बाल सभाओं का आयोजन किया जाता है। बताया कि दीवार पत्रिका का निर्माण, बाल अखबार पुस्तकालय का प्रभावी संचालन प्रमुख हैं प्रशिक्षण का समापन करते हुए डायट के प्रभारी प्राचार्य लखपत सिंह बर्त्वाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में 2027 तक सभी विद्यालयों को निपुण विद्यालय बनाने का लक्ष्य रखा गया है। जिसके तहत 2026 में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद नई दिल्ली द्वारा विद्यालयों का मूल्यांकन किया जाएगा l कार्यक्रम के समन्वयक गोपाल प्रसाद कपरूवाण ने बताया कि
निपुण (समझ और अंकगणित के साथ पढ़ने में दक्षता के लिए राष्ट्रीय पहल) एक राष्ट्रीय मिशन है, इसका उद्देश्य सभी बच्चों को भाषा और अंकगणित में दक्षता हासिल करना है।इस मौके पर शशि कंडवाल ,सुमित्रा चौहान, संगीता बहुगुणा , कविता सती राजबाला कोठियाल, रजनी नेगी , राजेश्वरी रावत, उर्मिला चौधरी, बीना वशिष्ठ, विनोद रौतेला, भगवती प्रसाद बेंजवाल,हरेंद्र नेगी, त्रिलोक नेगी ने अपने प्रोजेक्ट पप्रस्तुत किए।समापन सत्र पर डायट के वरिष्ठ संकाय सदस्य रविंद्र सिंह बर्त्वाल ,डॉ.गजपाल राज, सुबोध डिमरी ,मृणाल जोशी आदि ने विचार व्यक्त किए।