श्रीनगर। एनआईटी का सुमाड़ी में एक बार फिर से शिलान्यास कर दिया गया। इस बार भाजपा ने यह काम किया। इससे पहले कांग्रेस की हरीश रावत सरकार ने एनआईटी सुमाड़ी का शिलान्यास किया था। खुद हरीश रावत ने सोशल मीडिया में यह दावा किया है। सुमाड़ी एनआईटी के शिलान्यास पर भाजपा कांग्रेस में राजनीति शुरू हो गई है।
सुमाड़ी में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, स्थानीय विधायक राज्य मंत्री धन सिंह रावत ने आज सुमाड़ी में एनआईटी का शिलान्यास किया। भाजपा की तरफ से कुछ टिप्पणियां आई है।- मनोज पटवाल कहते हैं-रंग लाई माननीय मंत्री डॉ धन सिंह रावत जी की मेहनत पिछले कई समय से डॉ धन सिंह रावत के एनआईटी के स्थायी परिसर के लिए संघर्षरत थे। उन्होंने कई बार कहा था कि में एनआईटी को कही नहीं जाने दूंगा और आज उन्होंने ये सब कर डाला। आज राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सुमाड़ी उत्तराखण्ड के स्थाई परिसर के भूमि पूजन एवं शिलान्यास हुआ।
दूसरी तरफ हरीश रावत ने फेसबुक में अपनी टिप्पणी में कहा है-हमारे राज्य में एक बहुत चिन्ताजनक, दुःखद, गलत प्रेक्टिस प्रारम्भ हो गई है। यदि पूर्ववर्तीय सरकार ने कोई काम स्वीकृत किया है, तो उसको बन्द कर दो और यदि पूर्ववर्तीय मुख्यमंत्री ने कोई शिलान्यास किया है, तो उस शिलान्यास को विवाद में डाल दो और उसके बाद फिर से उसका नये सिरे शिलान्यास कर, वाह.वाही लूटने का काम करो। एन.आई.टी. श्रीनगर का मैंने 2014 में केन्द्र सरकार के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में, जिसमें एन.आई.टी. के डायरेक्टर भी सम्मिलित थे, शिलान्यास किया, भूमि दिलवाई, सारे प्रकरण को जानबूझ करके विवाद में डाला गया और एन.आई.टी. को श्रीनगर से जयपुर स्थानान्तिरत भी कर दिया गया, अध्ययन के लिये और जब जन दबाव देखा गया, तो फिर से शिलान्यास किया जा रहा है, रमेश पोखरियाल निशंक जी से राज्य को बड़ी अपेक्षायें हैं, होनहार नेता हैं, हमारे राज्य के, एक नई एन.आई.टी. या और कोई बड़ा संस्थान राज्य में स्वीकृत करवा दें, एक और केन्द्रीय विश्वविद्यालय स्वीकृत करवा दें, मगर यह 2014 में हमारे शिलान्यास किये हुये, एन.आई.टी. का फिर से शिलान्यास कर रहे हैं, सुमाड़ी में। मैंने भी वहीं शिलान्यास किया, कौन सा भू.परिवर्तन हो गया? कौन सा हालात में परिवर्तन हो गया। केवल इस बात के हरीश रावत बदला, त्रिवेन्द्र रावत आये और ढाई साल से ज्यादा वक्त सुमाड़ी व श्रीनगर के लोगों को संघर्ष करते हुये बीत गया, अब उनके आंसू पोछने के लिये, जिस गमछे का इस्तेमाल हो रहा है, उसमें मिर्च लगाई जा रही है। मैं, उत्तराखण्ड के लोगों से प्रार्थना करना चाहता हॅू कि, इस प्रेक्टिस पर जरूर विचार करें, नहीं तो यह उत्तराखण्ड आने वाले दिनों में आधे.अधेरे निर्माण कार्यों का, स्वीकृतियों का संग्रहालय बनकर के रह जायेगा। हरीश रावत, आयेंगे.जायेंगे, त्रिवेन्द्र सिंह आयेंगे.जायेंगे, मगर गलत परम्परायें एक सरकार व एक मुख्यमंत्री के हटने के बाद, यदि दूसरा मुख्यमंत्री उलटबाजी करता है, तो उसका परिणाम राज्य की जनता को भुगतना पड़ता है। विजय बहुगुणा जी ने मेरी सरकार गिराने का काम किया था, लेकिन उनके द्वारा की गई सारी स्वीकृतियों को, मैंने अंजाम तक पहुंचाया और आप देख लीजिये, जितना मैंने अपनी स्वीकृतियों को क्रियान्वयन में ध्यान दिया, उससे ज्यादा मैंने विजय बहुगुणा जी घोषणाओं पर और उनको पूरा करने में ध्यान दिया, “I hope Trivendra Singh Rawat will act as a Gentleman Chief Minister”