फाइल फोटो– संडक की मांग को लेकर तहसील मुख्यालय पर धरना देते ग्रामीण।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। रोड नहीं तो वोट नहीं का संकल्प लेकर प्रख्ंाड के छ ग्रामों के ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का निर्णय लिया। शीध्र ही ज्ञापन देकर अपनी मंशा से शासन/प्रशासन को अवगत कराऐंगे।
जोशीमठ विकास ख्ंाड के लाॅजी, पोखनी, द्वींग-तपौण, हयूॅणा व तिरोसी गाॅवांे के ग्रामीण आजादी के बाद से ही सडक की वाट जोह रहे है। बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के पाखी व टंगणी के ठीक सामने के गाॅव सडक से बंचित है। और वर्षो से सडक की मांग कर रहे है। सडक की इस मांग का जायज ठहराते हुए वर्ष 2013 मे तत्कालीन सीएम विजय बहुगुणा ने पाखी से सभी गाॅवों का जोडते हुए द्वींग-तपौण तक दस किमी0 सडक की स्वीकृति दी थी। जिसके लिए टोकन मनी भी जारी कर दी गई थी। लेकिन वर्ष 2013 के बाद से जब इस सडक निर्माण को लेकर कोई कार्यवाही नही हुई तो ग्रामीणो ने आंदोलन शुरू किया। लगातार बीस दिनों तक इस क्षेत्र के ग्रामीण तहसील मुख्यालय पर धरना/प्रदर्शन करते रहे। 22दिनो के अंादेालन के बाद एसडीएम स्तर से ग्रामीणों को लिखित आश्वासन दिया गया कि जनवरी माह के अंत तक वन अधिनियम से संबधित सभी कार्यवाही पूरी करते हुए वन विभाग से सैद्धातिंक स्वीकृति प्राप्त हो जाऐगी। लेकिन अब मार्च बीतने का है और वन विभाग से उक्त सडक निर्माण की सैद्धातिकं स्वीकृति तक प्राप्त नही हो सकी है।
इससे गुस्साए ग्रामीणो ने अब सडक नही तो वोट नही का संकल्प लिया है। शिव शक्ति संघर्ष समिति लाॅजी-पोखनी के अध्यक्ष दिनेश राणा के अनुसार सडक विहीन छ गा्रमों के ग्रामीणों से वार्ता हो चुकी हैं और शीध्र ही ज्ञापन देकर चुनाव बहिष्कार की सूचना शासन-प्रशासन को दी जाऐगी। श्री राणा ने कहा कि वे वर्ष 2013से ही राज्य व केन्द्र सरकार मे सडक को लेकर पैरवी कर रहे है। लेकिन अभी तक भी वन भूमि हस्तांतरण की सैद्धातिंक स्वीकृति नही मिल सकी है। और अब ग्रामीणों के पास चुनाव बहिष्कार ही एक मात्र माध्यम रह गया है।
संपर्क करने पर पीएमजीएसवाई के ईई राजकुमार ने बताया कि पाखी से द्वींग-तपौण वाली सडक का कोई प्रस्ताव उनके यहाॅ लंबित नही है। जनपद की संडको के जितने भी प्रस्ताव थे वे सभी स्वीकृत हो गए है। द्वींग-तपौण वाली सडक संभवत राज्य सैक्टर से ही निर्मित होनी है।
गौरतलब है कि सडक की मांग को लेकर ऐसा नही कि उपरोक्त छ गाॅवों के ग्रामीण ही चुनाव बहिष्कार का मन बना रहे है। प्रंखड के दूरस्थ गाॅव पल्ला, जखोला,, किमाणा, डुमक व कलगोठ के ग्रामीणों मे भी सडक को लेकर चुनाव बहिष्कार की सुगबुगाहट तेज हो रही है। इन गाॅवों के ग्रामीण भी सडक के लिए वर्षो से संघर्षरत है।