डा0 हरीश चन्द्र अन्डोला
सन् 1987 में 16 सितंबर में हमारी ओजोन में हुये छिद्र की चिंता के उपाय हेतु कनाडा के मॉन्ट्रियल शहर में 33 देशों के बीच कई राज्यों की एक मीटिंग हुई और फिर इस पर हस्ताक्षर किए गए। जिसमें हमारे भारत ने भी हस्ताक्षर किये। जिसे मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के नाम से जाना गया।
सन् 1985 में सबसे पहले अंटार्टिका में इस छिद्र को देखा गया था। पृथ्वी के वायुमंडल, समताप मंडल में ओजोन की एक परत है। यह लगभग 10 किलोमीटर की जगह घेरे हुये है और यह जमीन से लगभग 50 किलोमीटर दूरी पर है। जिसे व्3 भी कहते है। ओजोन की सही मात्रा मौसम को भी प्रभावित करती है। यह पृथ्वी पर विभिन्न स्थानों में भी अलग.अलग जगह पर अलग अलग है। यह परत सूरज से आने वाली पराबैंगनी विकिरण के 93 और 99 प्रतिशत भाग को अवशोषित कर लेती है। केवल 1ः भाग ही हमारी पृथ्वी पर आ पता है। यह विकिरण पृथ्वी पर कई जीवित जीवों के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक होता है। पिछले सौ वर्षों में ओजोन परत मानव निर्मित रसायनों द्वारा क्षतिग्रस्त होती जा रही हैए विशेष रूप से जिन्हें सीएफसी क्लोरोफ्लोरोकार्बन सीएफसी कहा जाता है। साल 1994 से विश्व ओजोन दिवस मनाया जाने लगा है। यह एक उत्सव है जिसे हर कोई मना सकता है और इसका आनंद ले सकता है और इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा ;न्दपजमक छंजपवदे ळमदमतंस ।ेेमउइसलद्ध द्वारा स्थापित किया गया था। प्रतिवर्ष इस मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल, ओजोन दिवस को 16 सितम्बर को पुरे विश्व भर में ख़ुशी के साथ मनाया जाता है। इस उत्सव को मनाने का सबसे बड़ा कारण लोगों को प्रदूषण को दूर करने और ओजोन परत कि सुरक्षा के विषय में जागरूक करना है।
प्रतिवर्ष इस मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल, ओजोन दिवस को 16 सितम्बर को पुरे विश्व भर में ख़ुशी के साथ मनाया जाता है। इस उत्सव को मनाने का सबसे बड़ा कारण लोगों को प्रदुषण को दूर करने और ओजोन परत कि सुरक्षा के विषय में जागरूक करना है। ओजोन परत के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस एक वार्षिक अनुरक्षण है। यह हर साल 16 सितंबर को जागरूकता फैलाने और ओजोन परत की कमी की ओर ध्यान खींचने के लिए मनाया जाता है। इस दिन को विश्वव्यापी संगोष्ठी, भाषण और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियों के आयोजन के द्वारा मनाया जाता है। स्कूलों में वार्षिक विज्ञान दिवस भी आयोजित किए जाते हैं और मीडिया के माध्यम से भी जागरूकता फैलाई जाती है। यह दिन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह परिवार, दोस्तों और परिचितों के साथ अपने ग्रह पृथ्वी को अपना योगदान देने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है। विभिन्न अभियानों को भी शुरू किया गया है जो लोगों की मदद से ओजोन परत की जागरूकता को बड़े पैमाने पर फ़ैलाता है। वर्ल्ड ओज़ोन डे हानिकारक गैसों के उत्पादन और रिहाई को सीमित करने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों पर जोर देता है। इसके संरक्षण से पर्यावण को भी सुरक्षित रखा जा सकता है।