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01- खुले भगवान फ्यूॅलानारायण धाम के कपाट।
02–भगवान फ्यूॅलानारायण का श्रीविगृह ।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। फ्ॅयूलानारायण धाम के कपाट खुले। पहले दिन ही उर्गम घाटी के अनके गाॅवों के श्रद्धालु पंहचे भगवान नारायण के दर्शनो को ।
उच्च हिमालयी बुग्याल मे स्थित भगवान फ्ॅयूलानारायण के कपाट धार्मिक पंरपरानुसार श्रावण संक्राति के पर्व पर पूरे विधि-विधान के साथ श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए। पुरोहित अकिंत डिमरी द्वारा वेदमंत्रोच्चार के साथ कपाट पूरे विधि-विधान के साथ खोले गए। इस हिमालयी धाम मे भर्की, भेंटा, पिलखी, अरोसी आदि गाॅवों के बारीदार पुजारी के रूप मे क्रमवार तैनात रहते है। इस वर्ष के पुजारी हर्षबर्धन चैहान, है।
हिमालयी धाम फ्यॅलानारायण को दूध-दही, मक्कखन व सत्तू का भेाग लगाया जाता है। और नियुक्त पुजारी कपाट बंद होने तक वही निवासरत रहते है। यहाॅ की पूजा पद्धति का भी अपना अलग ही महत्व है। इस मंदिर मे पूजा के लिए पुष्प व जल दस वर्ष की कम उग्र की कन्या या 65वर्ष से अधिक उम्र की महिला द्वारा ही लाया जाता है। ये लोग भी पुजारी के साथ ही कपाट खुलने से लेकर कपाट बंद होने तक वही निवास करते है।
पंच केदारों मे एक भगवान कल्पनाथ के शीर्ष पर स्थित भगवान फ्ॅयूलानारायण के कपाट खुलने के बाद न केवल उर्गम घाटी के ब्लकि दूर-दूर से भी लोग दर्शनों के लिए वहाॅ पंहुचते है। गत वर्षो तक पंच केदारो की यात्रा करने वाले श्रद्धालु जिनमे वंगाली श्रद्धालुओ की संख्या ज्यादा होती थी वो भी पंहुचते थे लेकिन इस बार कोरोना के कारण बाहरी श्रद्धालु इस धाम मे नही पंहुच सकेगे।
भगवान फ्यूॅलानारायण के कपाट खुलने के मौके पर भर्की के पूर्व प्रधान दुलभ सिंह रावत,महिला पुजारिन पार्वती देवी,पंचायती पुजारी अब्बल सिंह पंवार ,मेला कमेटी के अध्यक्ष हर्षबर्धन फरस्वांण ,गोपाल ंिसह फरस्वांण, उजागर ंिसह, चंदू पंवार, मोहन चैहान, सहित भेंटा व भर्की गा्रम पंचायतो के ग्रामीण मौजूद रहे।