शंकर सिंह भाटिया
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 के नतीजे 1 अगस्त 2025 तक घोषित किए जा चुके हैं। राज्य में पंचायत चुनाव हरिद्वार को छोड़कर अन्य बारह जिलों के 89 ब्लॉकों में संपन्न हुए हैं। पंचायत चुनाव का मतदान 24 और 28 जुलाई को दो चरणों में संपन्न हुआ। जिसमें 69.16 प्रतिशत मतदान हुआ। कुल 47,77,072 मतदाताओं ने वोट डाले, जिनमें 64.23 प्रतिशत पुरुष और 74.42 प्रतिशत महिलाएं शामिल थीं। मतगणना 31 जुलाई को सुबह 8 बजे शुरू हुई और 1 अगस्त देर रात तक चली।
जिला पंचायत सीटों के नतीजे
कुल सीटें- 358
निर्दलीय जीते- 145 सीटें
बीजेपी समर्थित जीते- 121 सीटें
कांग्रेस समर्थित जीते 92 सीटें
निर्दलीय प्रत्याशियों ने इस बार सबसे अधिक सीटें जीतीं हैं। जिससे किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला। खास बात यह भी है कि निर्दलियों में बीजेपी और कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार भी शामिल हैं। जो जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
उल्लेखनीय परिणाम पर नजर डालें-
उधम सिंह नगर जिले में 35 जिला पंचायत सीटों में बीजेपी और कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों को 12-12 सीटें जीते, जबकि 11 सीटें निर्दलियों ने जीतीं हैं।
चमोली जिले में 26 सीटों में निर्दलियों ने 17, कांग्रेस ने 5 और बीजेपी ने 4 सीटें जीतीं।
देहरादून जिले में 37 सीटों में से 26 पर बीजेपी समर्थित और बागी प्रत्याशी, जबकि 11 पर कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार जीते।
अल्मोड़ा जिले में कांग्रेस और निर्दलियों का दबदबा रहा। बीजेपी को झटका लगा।
उत्तरकाशी जिले में 28 सीटों में 21 पर निर्दलीय और 7 पर बीजेपी समर्थित प्रत्याशी जीते। यहां कांग्रेस खाता नहीं खोल सकी।
रुद्रप्रयाग जिले में 18 सीटों में निर्दलियों को 8, बीजेपी और कांग्रेस को 5-5 सीटें मिलीं।
चंपावत जिले में 9 सीटें बीजेपी समर्थित और 6 सीटें निर्दलियों ने जीतीं।
अन्य महत्वपूर्ण बिंदु-
इस पंचायत चुनाव में महिला उम्मीदवारों का प्रदर्शन उल्लेखनीय है। इस बार कई सीटों पर महिलाओं ने जीत हासिल की। उदाहरण के लिए, मुनस्यारी के क्वीरीजिमियां गांव में 22 वर्षीय ईशा ग्राम प्रधान बनीं।
टॉस से फैसला- कुछ स्थानों पर बराबर वोट मिलने पर टॉस या पर्ची सिस्टम से विजेता तय किए गए। जैसे चमोली की बणद्वारा ग्राम पंचायत में नितिन नेगी और रुद्रप्रयाग की कांदी ग्राम पंचायत में लक्ष्मी देवी टॉस से जीतीं।
उलटफेर- कई दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा। बीजेपी विधायक दिलीप रावत की पत्नी नीतू रावत को लैंसडाउन में कांग्रेस की ज्योति पटवाल ने हराया। हल्द्वानी में निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया को निर्दलीय छवि कांडपाल ने हराया।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने दावा किया कि जनता ने उनकी नीतियों पर मुहर लगाई।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि नतीजे बीजेपी की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ हैं और 2027 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की वापसी का संकेत देते हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी विजयी उम्मीदवारों को बधाई दी और ग्राम सभाओं के विकास के लिए सामूहिक प्रयास की अपील की।
6 अगस्त से जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव शुरू होंगे।
राज्य निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता 1 अगस्त को हटा ली।
नतीजे आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
पंचायत चुनाव में करीब से जुड़े राजनेताओं की प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं। कुछ ने एक्स पोस्ट में बीजेपी को 190 और कांग्रेस को 98 सीटें मिलने का दावा किया है, लेकिन ये आंकड़े आधिकारिक नहीं हैं। जिला पंचायत सीटों पर भाजपा या कांग्रेस ने उम्मीदवारों को समर्थन जरूर दिया है, लेकिन उन्हें पार्टी का सिंबल नहीं दिया गया है। इस तरह पार्टी समर्थित उम्मीदवार होने के बावजूद उन्होंने चुनाव निर्दलीय के तौर पर ही लड़ा। पार्टी नेता अपनी सुविधा के लिए बागी हुए उम्मीदवारों या फिर जीतकर आए निर्दलीय उम्मीदवरों को अपना बताकर अपनी सीटें बढ़ाकर बता रहीं हैं। इसलिए जीत-हार के दावों के बीच असमंजस बरकरार है। कुछ लोग इस चुनाव को 2027 के विधानसभा चुनाव के संकेत मानने का दावा कर रहे हैं, लेकिन यह पूर्णतः सत्य नहीं हो सकता, क्योंकि पंचायत चुनाव में सिर्फ ग्रामीण मतदाताओं का ही जनादेश आया है, शहरी मतदाता इसमें शामिल नहीं हैं। विधानसभा चुनाव होने में अभी करीब दो साल बचे हैं, इसलिए इन चुनावी नतीजों को दो साल बाद होने वाले चुनावों का दर्पण मान लेना जल्दबाजी ही होगी।