प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। सीमान्त नगर जोशीमठ भूस्खलन की समस्या से जूझ रहा है, नगर के विभिन्न वार्डो में भूमि व आवाशीय मकानों मे दरारें पड़ने से लोग बेहद चिंतित हैं, भूगर्भीय सर्वेक्षण की रिपोर्ट के बाद भी प्रभावितों को राहत नहीं मिल सकी।
लगातार हो रहे भूधंसाव की समस्या से चिंतित नगरवासियों ने बैठक कर अस्तित्व को लेकर गंभीर चिंता ब्यक्त की और शुक्रवार को एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।
भेजे गए ज्ञापन मे कहा गया है कि जोशीमठ नगर वर्ष 2021 से ही भयंकर भूधंसाव की समस्या से जूझ रहा है,वाबजूद इसके जोशीमठ की तलहटी से हेलंग-मारवाड़ी बाई पास का निर्माण किया जा रहा है,जिसमें चट्टानों को तोड़ने के लिए भारी विस्फ़ोट किए जा रहे हैं।
ज्ञापन मे वर्ष 1976 मे गठित तत्कालीन गढ़वाल कमिश्नर महेश चन्द्र मिश्रा कमेटी की रिपोर्ट व भू धंसाव के बाद हुए भूगर्भीय सर्वेक्षण रिपोर्टों का हवाला देते1 हुए तत्काल हेलंग-मारवाड़ी बाईपास निर्माण का कार्य रुकवाने के साथ ही एनटीपीसी द्वारा जोशीमठ के नीचे बनाई जा रही सुरंग को भी कारक मानते हुए एनटीपीसी के माध्यम से2 भी लोगों के1 नुकसान की भरपाई कराए जाने के निर्देश देने की मांग की गई है।
ज्ञापन में भूधंसाव के कारण बेघर हुए लोगों का विस्थापन किए जाने तथा वर्तमान बाजार भाव से क्षतिपूर्ति दिए जाने, विस्थापन व पुनर्वास नीति मे संशोधन करते हुए केदारनाथ आपदा के बाद किए गए क्षतिपूर्ति प्रावधानों के अनुसार मुआवजा दिए जाने व संपूर्ण जोशीमठ के मकानों का यथाशीघ्र सर्वेक्षण कराए जाने की मांग की है।
ज्ञापन देने वालों मे भाकपा माले के अतुल सती, कांग्रेस प्रवक्ता कमल रतूड़ी,पालिका सभासद अमित सती व गौरव नंबूरी, ब्यापार संघ महामंत्री जेपी भट्ट, सूरज कपरूवाण, संजय उनियाल, चंद्रमोहन, अमित रतूड़ी, कमलेश नौटियाल आदि प्रमुख थे।
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