उर्गम घाटी (लक्ष्मण सिंह नेगी) उत्तराखंड के जाने-माने लेखक प्रोफेसर शेखर पाठक की किताब चिपको आंदोलन के लिए कमलादेवी चट्टोपाध्याय एनआईओएस बुक पुरस्कार के लिए चुना गया है। उन्हें यह पुरस्कार ₹15 लाख रुपए की धनराशि के अलावा प्रशस्ति पत्र और सम्मान पत्र उन्हें दिया गया।
डॉक्टर शेखर पाठक तीन दशक से उत्तराखंड के विभिन्न पुस्तकों का लेखन करते रहे हैं। उनके द्वारा उत्तराखंड के इतिहास भूगोल के बारे में समय-समय पर पहाड़ नामक संस्था के माध्यम से पुस्तक प्रकाशन करते रहे हैं। उनके द्वारासाहित्य संस्कृति पर्यावरण इतिहास भूगोल पर लेखन करते रहे हैं। गौरा देवी और चिपको आंदोलन पर सघन रूप से पुस्तक लेखन कार्य किया गया यह पुस्तक के लेखन और चिपको आंदोलन की विवेचना करके विश्व पटल पर रखने का काम उनके द्वारा द्वाराकिया गया है। चिपको मूवमेंट पीपुल्स हिस्ट्री 2022 प्रतिष्ठित कमला चट्टोपाध्याय पुस्तक सम्मान के लिए चुना गया है। शेखर पाठक कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर रहे हैं। साथी समय-समय पर विश्व के कई स्थानों पर जाकर उत्तराखंड के इतिहास पर्यावरण संस्कृति पर अपना शोध पत्र भी प्रस्तुत करते रहें हैं।
कमलादेवी चट्टोपाध्याय आईएफ बुक प्राइज पुस्तक की शुरुआत वर्ष 2018 में की गई थी यह पुस्तक गैर गल्फ पुस्तकों के लिए दिया जाने वाला पुरस्कार है। डॉ शेखर पाठक को यह पुरस्कार मिलने पर सामाजिक आंदोलन से जुड़े हुए कार्यकर्ताओं ने खुशी जाहिर की है पर्यावरणविद् सुरेश भाई सामाजिक कार्यकर्ता बचाओ आंदोलन की सदस्य नागेंद्र दत्त पत्रकार प्रेम पंचोली, क्षेत्र प्रमुख जोशीमठ हरीश परमार , सोशल साइंटिस्ट लक्ष्मण सिंह नेगी प्रधान संघ के अध्यक्ष अनूप नेगी जोशीमठ गांधीवादी मुरारी लाल राजेंद्र सिंह रावत आदि लोगों ने खुशी व्यक्त किया है।