थराली से हरेंद्र बिष्ट।
कर्णप्रयाग। ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग 109 पर मलतुरा बादामगढ़ नामक स्थान पर सीमा सड़क संगठन के द्वारा निर्मित मोटर पुल के डेक पर गड्ढे पड़ने एवं सरिया दिखाने के कारण संगठन के 66 आरसीसी विंग की कार्य प्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। वहीं ग्रेफ के अधिकारी का कहना है कि डेक की मरम्मत कर दी गई है।
कर्णप्रयाग-ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग पर 2018-19 से मलतुरा बादामगढ़ नामक स्थान पर 70 मीटर लंबा एवं 12 मीटर चौड़ा आरसीसी मोटर पुल का एक प्राईवेट कंपनी के माध्यम से निर्माण कार्य शुरू किया था। निर्माण कार्य पूरा होने के कई महिनों तक इस पुल पर वाहनों का आवागमन इसलिए बंद रखा गया कि इसका विधिवत उद्घाटन नहीं हो पाया था। 28 दिसम्बर 2021 को वर्चुअल माध्यम से देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से इस पुल का लोकार्पण किया था।
उद्घाटन के इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत भी वर्चुअल माध्यम से जुड़े रहें।इस उद्घाटन समारोह के दौरान डीजीबीआर के अधिकारी इस पुल को एक बड़ी उपलब्धि के रूप में प्रचारित करते हुए तकनीकी की सराहना करते नही थक रहे थे। किंतु पुल उद्घाटन के करीब 6 महिनों के बाद ही पुल के लैंटर के डेक के ऊपरी लैंटर पर इस कदर एक गड्ढा बनने लगा कि पुल की सरिया तक साफ दिखने लगी। नवनिर्मित पुल के ड़ेक पर गड्ढा पड़ने की चर्चा सार्वजनिक होने के बाद संगठन अब आनन.फानन में गड्ढे की मरम्मत के प्रयासों में जुट गया है।
इस संबंध में पूछे जाने पर बीआरओ के कैप्टन शिवम् अवस्थी ने कहा कि पुल के लैंटर पर पड़े गड्ढे की मरम्मत कर दी गई है। पूछे जाने पर कि इस पुल पर कुल कितनी धनराशि खर्च की गई है, के जबाव में कहा कि वे इसे देख कर बाद में बताएंगे। अब सवाल उठने लगा है कि तेजी एवं गुणवत्ता के साथ कार्य करने का दावा करने वाली बीआरओ करोड़ों रूपयों की लागत से निर्मित पुल के लैंटर पर गड्ढा पड़ने पर कोई ठोस कार्रवाई करती भी है या नही। ये तो आने वाला समय ही बताएगा, किंतु उस पर इस मामले में सवाल कई उठने लगे हैं।