राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की सिफारिश पर केंद्रीय कैबिनेट ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की अनुसंशा की है। देर रात तक महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है। शिव सेना इसके खिलाफ सुप्र्रीम कोर्ट चली गई है।
राज्यपाल ने पहले सबसे बड़ी पार्टी भाजपा को सरकार बनाने सरकार बनाने का न्यौता दिया था। भाजपा ने सरकार बनाने में असमर्थता जताई तो राज्यपाल ने शिव सेना को सरकार बनाने का न्यौता दिया। शिव सेना राज्यपाल को कांग्रेस के समर्थन की चिट्ठी नहीं दिखा पाई। सरकार बनाने के लिए शिव सेना ने दो दिन का और समय मांगा। राज्यपाल ने शिव सेना को और समय देने से इंकार कर दिया और एनसीपी को सरकार बनाने का न्यौता दिया। एनसीपी को 12 नवंबर शाम तक अपना समर्थन दिखाना था। लेकिन एनसीपी ने सुबह राज्यपाल को पत्र लिखकर बहुमत साबित करने के लिए दो दिन का समय मांगा। इसी पत्र को आधार बनाकर राज्यपाल ने केंद्र सरकार को राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर दी। कैबिनेट ने इस संबंध में प्रस्ताव पारित कर कर राष्ट्रपति को भेज दिया है। राष्ट्रपति देर रात तक कभी भी 356 लगाने की घोषणा कर सकते हैं।
इसके खिलाफ शिव सेना सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। शिव सेना का तर्क है कि राज्यपाल ने भाजपा को 48 घंटे का समय दिया तो उन्हें 24 घंटे का समय ही क्यों दिया? उन्हें भी 48 घंटे का समय क्यों नहीं दिया गया।