अल्मोड़ा| समसामयिक संदर्भ में नशा नहीं रोजगार दो काम का अधिकार दो आंदोलन की आयोजन समिति द्वारा आज नगरपालिका सभागार अल्मोड़ा में एक खुली संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यहां हुई इस संगोष्ठी में विभिन्न संगठनों एवं संस्थाओं ने नशे और रोजगार के सवाल पर चर्चा की।
2 फरवरी 1984 को अल्मोड़ा के एक छोटे से गांव बसभीड़ा (चौखुटिया) शुरू हुए इस आंदोलन कि 39 वर्ष होने पर नशा नहीं रोजगार दो आंदोलन के संयोजक पीसी तिवारी ने कहा कि नशे का गहरा संबंध हमारी सामाजिक राजनीतिक व्यवस्था से है। दुर्भाग्य की बात है कि सरकार जनता की मूलभूत समस्याओं से भटकाने के लिए नशे व गैर जरूरी सवालों का उपयोग करती है जिसे समझना जरूरी है।
वक्ताओं ने उत्तराखंड में बढ़ते नशे एवं बेरोजगारी को आज के दौर का सबसे ज्वलंत सवाल बताते हुए कहा कि यदि इस पर तुरंत रोक नहीं लगाई गई तो शीघ्र ही उत्तराखंड और देश के युवाओं का अस्तित्व संकट में आ जाएगा। संगोष्ठी में कहा गया कि यदि समाज में दिन प्रतिदिन बढ़ते नशे और बेरोजगारी के सवाल का हल नहीं निकला तो स्थिति बहुत गंभीर हो जाएंगी। इस अवसर पर वक्ताओं ने रोजगार नशे के सवाल पर समाज की सभी ताकतों से एकजुट होकर उत्तराखंड व समाज को बचाने की अपील की है।
इस मौके पर ग्रीन हिल्स कि डॉक्टर वसुधा पंत ने कहा प्रशासन व सरकार इस बात को जानती है कि नशे के स्रोत कहां हैं। उन्होंने कहा कि नशे के प्रसार के पीछे सरकार है जिसके लिए जन प्रतिरोध जरूरी है।
वरिष्ठ पत्रकार व सालम समिति के अध्यक्ष राजेंद्र रावत ने कहा कि आज सुनियोजित साज़िश से नशे को समाज का जरूरी अंग बनाया जा रहा है।
बालप्रहरी के संपादक उदय किरौला ने कहा हम सबको सकारात्मक सामाजिक बदलाव के लिए चलने वाले अभियानों का हिस्सा बनना चाहिए।
एडवोकेट जीवन चंद्र व सामाजिक कार्यकर्ता पान सिंह बोहरा कहा कि नशा एक राजनीतिक प्रश्न है। सामाजिक कार्यकर्ता पान सिंह सरकार दोहरा रुख अपनाती है जहां महिलाएं व समाज शराब को रोकने के लिए प्रतिबद्धता दिखाती है वहां सरकार मोबाइल वैन चलाकर उनका मनोबल तोड़ती है। वक्ताओं ने कहा कि शासन प्रशासन चाहता है कि शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार, महंगाई, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों से किनारा कर युवा नशे में लिप्त हो जाएं। वक्ताओं ने कहा कि यदि सरकार चाहे तो सब कुछ संभव है। ग्रीन हिल्स के भूपेंद्र वल्दिया ने कहा कि युवाओं का अवसाद उन्हें नशे की ओर ले जाता है।
प्रियंका सिंह ने कहा कि आज नौकरियां खरीदी और बेची जा रही हैं जिससे बेरोजगारों में भारी आक्रोश है। उपपा नेत्री श्रीमती आनंदी वर्मा ने कहा कि नशे ने समाज को खोखला कर दिया है। उत्तराखंड छात्र संगठन की भावना पांडे ने कहा कि पर्यटन के नाम पर नशे के साथ बहुत कुछ परोसने की छूट मिल गई है। मुहम्मद वसीम ने कहा कि हम लोग वर्षों से रोज़गार की मांग कर रहे हैं लेकिन समाज में नशा परोसा जा रहा है।
संगोष्ठी में बढ़ती बेरोज़गारी एवं अग्निवीर जैसी योजनाओं व नौकरियों की लूट पर युवाओं ने आक्रोश व्यक्त किया।
सभा का संचालन उपपा के केंद्रीय महासचिव एडवोकेट नारायण राम एवं उछास की भारती पांडे ने किया।
संगोष्ठी में विपिन जोशी, दीपक जोशी, किरण आर्या, लोक वाहिनी के डी के कांडपाल, धीरेंद्र मोहन पंत, मनोज कुमार, पैरा मिलिट्री के मनोहर सिंह नेगी, हीरा देवी, हेमा पांडे, एकता सिंह, गोपाल राम, कृष्णा आर्या, नरेंद्र सिंह चुफाल, चंद्रा गोस्वामी, विनायक पंत, चंद्रमणि भट्ट, अशोक पांडे, राजू गिरी, रंजना सिंह, मुहम्मद शाकिब आदि लोग उपस्थित रहे।