• About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact
Uttarakhand Samachar
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
Uttarakhand Samachar
No Result
View All Result

भारत गौरव रमेश पोखरियाल लेखक और राजनीतिज्ञ

14/07/25
in उत्तराखंड, देहरादून
Reading Time: 1min read
22
SHARES
27
VIEWS
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter

डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला
रमेश पोखरियाल एक प्रसिद्ध भारतीय लेखक हैं, जिनका जन्म 1959 में उत्तराखंड के सुंदर राज्य में हुआ था, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। बचपन से ही उन्हें कविताएँ और कहानियाँ लिखने का शौक था, जिसके कारण उन्होंने 1983 में अपनी पहली पुस्तक “समर्पण” प्रकाशित की। उन्होंने यात्रा, पर्यटन, संस्कृति और धर्म जैसे विभिन्न विषयों पर 100 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं। उनका उपनाम, “निशंक” दुनिया भर के पाठकों के बीच प्रसिद्ध है, क्योंकि उनकी पुस्तकों का अंग्रेजी, जर्मन, स्पेनिश, तेलुगु, गुजराती, बंगाली, कन्नड़, उर्दू, फ़ारसी, मराठी, कोंकण और राजस्थानी सहित कई भाषाओं में अनुवाद किया गया है। भारतीय साहित्य में पोखरियाल के योगदान को श्री एपीजे अब्दुल कलाम, श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल और श्री प्रणव मुखर्जी सहित कई गणमान्य व्यक्तियों द्वारा मान्यता दी गई है। उन्हें कई पुरस्कार और प्रशंसाएँ मिली हैं, जिनमें यूनाइटेड किंगडम में “वात्यायन लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड”, जर्मनी में “इंटरनेशनल ग्लोबल गैलेक्सी अवार्ड”, कनाडा में “साहित्य गौरव सम्मान”, मॉरीशस के राष्ट्रपति द्वारा “मॉरीशस अवार्ड”, नेपाल में “हिमाल गौरव सम्मान”, पोलैंड में “पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार” और भारतीय प्रधान मंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा “साहित्य भारती” पुरस्कार शामिल हैं। उन्हें साहित्य की दुनिया का सर्वोच्च सम्मान “अंतर्राष्ट्रीय अजय स्वर्ण पदक” भी मिल चुका है।को मानव संसाधन विकास मंत्री नियुक्त किया गया था, जिसे बाद में जुलाई 2020 में शिक्षा मंत्री का नाम दिया गया। वे 17वीं लोकसभा में उत्तराखंड के हरिद्वार संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। इससे पहले, उन्होंने 2009 से 2011 तक उत्तराखंड के 5वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया और 16वीं लोकसभा के सदस्य थे, जहाँ उन्होंने सरकारी आश्वासनों पर समिति की अध्यक्षता की। रमेश पोखरियाल एक प्रसिद्ध भारतीय लेखक हैं, जिनका जन्म 1959 में उत्तराखंड के सुंदर राज्य में हुआ था, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। बचपन से ही उन्हें कविताएँ और कहानियाँ लिखने का शौक था, जिसके कारण उन्होंने 1983 में अपनी पहली पुस्तक “समर्पण” प्रकाशित की। उन्होंने यात्रा, पर्यटन, संस्कृति और धर्म जैसे विभिन्न विषयों पर 100 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं। उनका उपनाम, “निशंक” दुनिया भर के पाठकों के बीच प्रसिद्ध है, क्योंकि उनकी पुस्तकों का अंग्रेजी, जर्मन, स्पेनिश, तेलुगु, गुजराती, बंगाली, कन्नड़, उर्दू, फ़ारसी, मराठी, कोंकण और राजस्थानी सहित कई भाषाओं में अनुवाद किया गया है। भारतीय साहित्य में पोखरियाल के योगदान को श्री एपीजे अब्दुल कलाम, श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल और और श्री प्रणव मुखर्जी सहित कई गणमान्य व्यक्तियों द्वारा मान्यता दी गई है। उन्हें कई पुरस्कार और प्रशंसाएँ मिली हैं, जिनमें “वात्यायन लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड” भी शामिल है। श्री प्रणव त्रा के दौरान डॉ निशंक ने 108 से अधिक पुस्तकें है। भारत सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक को साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए ‘भारत गौरव सम्मान’ से सम्मानित किया गया है. डॉ निशंक को यह पुरस्कार लंदन में ब्रिटिश पार्लियामेंट से मिला है. आयोजकों ने डॉ निशंक को यह सम्मान प्रदान करते हुए अत्यंत उत्साहित थे. इस सम्मान समारोह में देश-विदेश से विभिन्न क्षेत्रों के विशिष्ट फिल्म निर्देशक मधुर भंडारकर, प्रमुख गायत्री परिवार चिन्मय पांड्या, मेदांता ग्रुप के सीएमडी डॉ. नरेश त्रेहन, जेट अतिथि शामिल हुए, जिसमें भारतीय एयरवेज अंकित जालान, वैज्ञानिक सर्न जिनेवा, अर्चना शर्मा शामिल हुईं.बता दें कि देश में निशंक के साहित्य पर 30 से अधिक लोग शोध कर रहें हैं या कर चुके हैं. निशंक की रचनाओं को कई विश्वविद्यालयों द्वारा पाठ्यक्रम का हिस्सा भी बनाया गया है. पूर्व में डॉ निशंक अपने उल्लेखनीय साहित्यिक योगदान हेतु अठारह से अधिक देशों में सम्मानित हो चुकें है. अपनी साहित्यिक यात्रा के दौरान डॉ निशंक ने 108 से अधिक पुस्तकें प्रकशित की हैं. निशंक’ जी को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पटलों पर मिले सम्मान और पुरस्कार की सूची में एक अतिविशिष्ट सम्मान जुड़ गया है, जिस पर शिक्षा जगत से जुड़ा प्रत्येक भारतीय स्वयं को अलंकृत, वैभवशाली एवं गौरवान्वित अनुभव कर रहा है। देश में भारत केंद्रित राष्ट्रीय शिक्षा नीति को धरातल पर उतारने के लिए भागीरथ प्रयत्न रहे जिस पर शिक्षा जगत से जुड़ा प्रत्येक भारतीय स्वयं को अलंकृत, वैभवशाली एवं गौरवान्वित अनुभव कर रहा है। देश में भारत केंद्रित राष्ट्रीय शिक्षा नीति को धरातल पर उतारने के लिए भागीरथ प्रयत्न कर रहे माननीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ जी को आज वातायन-यूके संगठन द्वारा ‘वातायन अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार’ से नवाजा है। यह सम्मान इनसे पहले साहित्यिक योगदान के लिए प्रसून जोशी, जावेद अख्तर सरीखे जाने-माने व्यक्तियों को ही मिल पायाहै। निशंक जितने राजनीति के व्यक्ति हैं उतने ही साहित्य के। कविता, उपन्यास, खंड काव्य, लघुकथा, यात्रा साहित्य समेत हिंदी की अनेक विधाओं में लेखन कर चुके हैं। उनकी कृतियों ने हिंदी साहित्य में उन्हें सम्मानजनक स्थान दिलाया है। राष्ट्रवाद की भावना का पता उनकी कविताओं से स्वतः ही चल जाता है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ काव्य संग्रह ही निशंक ने लिखे हों, उपन्यास और कहानी संग्रह भी उनके खाते में है. इसके अलावा यात्रा संस्मरण और महापुरुषों की जीवनी भी उन्होंने लिखी. है निशंक के अभी तक कुल 14 कविता संग्रह, 12 कहानी संग्रह, 12 उपन्यास, 6 बाल साहित्य, व्यक्तित्व विकास और जीवनी पर 6, पर्यटन, धर्म और संस्कृति पर 6 किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं. फौजी पृष्ठभूमि पर उनके लिखे उपन्यास ‘मेजर निराला’ पर गढ़वाली भाषा में फिल्म भी बन चुकी है. उनकी किताबें देश के लगभग सभी मशहूर प्रकाशनों से प्रकाशित हुई हैं. जैसे वाणी, प्रभात, डायमण्ड बुक्स, साहित्य अकादमी और नेशनल बुक ट्रस्ट. विवेकानन्द के अल्मोड़ा में बिताए समय पर उनकी जीवनी एनबीटी से प्रकाशित हो चुकी है. लेकिनउनके साहित्य ने.  पूरी दुनिया में उन्हें पहचान दिलाईहै ‘निंशक’ का साहित्य सृजन किसी से छिपा नहीं है। इसी साहित्य सृजन में उनकी वर्षों से चली आ रही साधना की तपिश अंतरराष्ट्रीय लिखी साहित्य जगत को न सिर्फ प्रभावित कर रही है बल्कि उनके साहित्य और रचना संसार पर शोध भी किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में निश्ांक की साहित्य रचना संसार की ऑनलाइन पुस्तक वार्ता की 75 शृंखलाएं पूरी होने पर हावर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड लंदन द्वारा निशंक को विश्व कीर्तिमान धारक का प्रमाण पत्र दिया गया। जबकि इससे पूर्व 29 मई 2022 को रविवारीय पुस्तक वार्ता के 50 शृंखलाओं के पूरे होने पर एक ही सात्यिकार की पुस्तकों पर सबसे लंबी चर्चा के लिए निश्ांक को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड द्वारा विश्वकीर्तिमान का प्रमाण दिया जा चुका है। यह भारतीय साहित्य जगत और खासतौर पर उत्तराखण्ड जैसे छोटे पहाड़ी राज्य से एक साहित्य सृजन करने वाले व्यक्ति के नाम दो बार अंतरराष्ट्रीय कीर्तिमान मिलना ही अपने आप में खास है। निशंक को साहित्य के मूल्य निर्माण के साथ-साथ वेद और विश्व शांति अभियान के लिए महर्षि विश्वविद्यालय, स्विटजरलैंड द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी प्रदान की गई। पोखरियाल के कहानी संग्रह जस्ट ए डिजायर’ का जर्मन संस्करण ‘न्युरीन वुंस्ख’ एफ्रो एशियन इंस्टीट्यूट, हैम्बर्ग में प्रकाशित हुआ है। मॉरीशस स्कूल के पाठ्यक्रम में उनकी ‘स्पर्धा गंगा’ पहल शामिल थी। वह सक्रिय रूप से विभिन्न सामाजिक गतिविधियों से जुड़े हुए हैं जैसे कि `स्वर्ण गंगा’ का अनोखा अभियान। पोखरियाल ने उत्तर प्रदेश में संस्कृति मंत्री के रूप में दुनिया भर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया है।पोखरियाल को डॉक्टरेट की मानद उपाधि, ग्राफिक एरा डीम्ड विश्वविद्यालय, उत्तराखंड द्वारा साहित्य के क्षेत्र में डी. लिट की उपाधि प्रदान की गई है। पोखरियाल ने व्यापक मुद्दों पर 75 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिनका कई राष्ट्रीय और विदेशी भाषाओं में अनुवाद भी किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में शिक्षा मंत्री ने विभिन्न प्रक्रियाओं के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा नीति को तैयार करने में अग्रणी भूमिका निभाई है, जिसे दुनिया भर में प्रशंसा मिली है। यह बेहद प्रसन्नता की बात है कि ‘कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस’ के प्रबंध निदेशक ‘रॉड स्मिथ’ ने बेहद परिवर्तनकारी और सुधारवादी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सराहना की है। ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020’ एक सर्वोतम वैश्विक शिक्षा व्यवस्था का निर्माण कर रही है, जिसकी जड़ें भारतीय संस्कृति से जुडी हुई हैं और जिसके मूल्य पहुंच (एक्सेस), इक्विटी, गुणवत्ता, किफ़ायत (अफोर्डेबिलिटी) और जवाबदेही (एकाउंटेबिलिटी) पर आधारित हैं जिनके द्वारा यह नीति भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति के रूप में उभारेगी। “शिक्षा और अनुसंधान दुनिया के महत्वपूर्ण उपकरण हैं। भारत की शिक्षा प्रणाली का एक लंबा इतिहास रहा है। दुनिया में पहला विश्वविद्यालय 700 ईसा पूर्व में स्थापित किया गया था, जबकि, एशिया में पहला और सबसे पुराना महिला कॉलेज कोलकाता में स्थापित किया गया था। यहां तक कि त्रिकोणमिति, कैलकुलस और बीजगणित की शुरुआत भी भारत में ही हुई थी।” शब्द कभी नहीं मरते। डॉ. निशंक के ये देशभक्तिपूर्ण गीत हमेशा के लिए लोगों की जुबां पर रहेंगे।’’
अमिताभ बच्चन, सदी के महानायक।‘‘निशंक एक प्रतिभावान साहित्य चिंतक हैं। उनका साहित्य पाठकों को जीवन का लक्ष्य पाने तथा विपरीत परिस्थितियों से बाहर निकलने को प्रेरित करता है।’’चेन्नई। ‘‘डॉ. निशंक की कृतियां देशप्रेम से ओत-प्रोत हैं। इस प्रकार के साहित्य का देश के विभिन्न भाषाओं में अनुवाद कियाजाना चाहिए, ताकि सम्पूर्ण राष्ट्र में देशप्रेम की अविरल धारा बहती रहे।’’
डॉ.पी.जयरामन, अधिशासी निदेशक, भारतीय विद्याभवन, अमेरिका।
‘‘डॉ. निशंक के साहित्य का तमिल एवं तेलुगू भाषाओं में अनुवाद बेहरतरीन कार्य है। इससे एक ओर जहां दक्षिण में हिंदीभाषा और साहित्य के प्रचार-प्रसार को गति मिलेगी, वहीं जन-जन तक राष्ट्रप्रेम की भावना का भी प्रसार होगा।’’  डाॅ0 रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ द्वारा रिवर्स पलायन को लेकर लिखा ग-सजय़वाली गीत आजकल सोशल मीडिया पर हिट हो रहा है, मात्र चार दिन में ही 70  हजार से अधिक लोग इस गीत को देख चुके हैं। नन्दा कैसेट द्वारा रिलीज किया गया डाॅ0 निशंक का गीत ‘‘आवा गौं जौंला’ को सुप्रसिद्ध जागर सम्राट पद्मश्री प्रीतम भरतवाण ने अपना स्वर दिया है।वर्ष 1998 में ‘उत्तराँजली’ नाम से डाॅ0 निशंक के सात गीतों की अलबम अनिल बिष्ट एवं साथियों की आवाज में‘उत्तराँजली’ के नामस से रिलीज हुई थी। ‘उत्तराँजली’, में शामिल इस गीत सहित 2 अन्य गीतों का वीडियो तब दूरदर्शन एक से रिलीज हुआ था, जो दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाला पहला चित्रहार था। 22 वर्ष बाद इसी गीत को जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण द्वारा वर्ष 2019 में अपनी आवाज में रिकार्ड किया था। वर्तमान परिस्थितियों में फिट बैठ रहे इस गीत को गत 28 मई 2020को नन्दा कैसेट्स द्वारा अपने यू-उचयट्यूब चैनल पर रिलीज किया गया, जो आजकल बहुत वायरल हो रहा है। गीत को मात्र 4 दिन में 65 हजार से अधिक लोग देख चुके हैं। वीडियो का निर्माण एवं निर्देशन बेचैन कन्डियाल ने किया है। इस गीत में प्रवासियों को अपने गाँव वापस आने का आह्वान किया गया है, गीत के वीडियो में उत्तराखण्ड के अनेक रमणीक स्थानों का फिल्मांकन किया गया है। डाॅ0 रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं उल्लेखनीय उपलब्धियां रही हैं योगदान को पहचाना हैं. लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं।)लेखक दून विश्वविद्यालय कार्यरत हैं)।

Share9SendTweet6
https://uttarakhandsamachar.com/wp-content/uploads/2025/10/yuva_UK-1.mp4
Previous Post

एक और द्रोणाचार्य ‘ ने दर्शकों को किया उद्वेलित

Next Post

थराली में अंग्रेजी शराब की खेप पकड़ी, पंचायत चुनाव को लेकर पुलिस सतर्क

Related Posts

उत्तराखंड

एसडीआरएफ के जवान सागर सिंह ने जीता वुशु प्रतियोगिता में कांस्य पदक

October 23, 2025
5
उत्तराखंड

सवाल उठ रहा है कि क्या ये योजनाएं इस अवधि में पूरी हो पाएंगी?

October 23, 2025
5
उत्तराखंड

रसायन विज्ञान पर लिखी किताबों भेंट की

October 23, 2025
6
उत्तराखंड

कपाट बंद होने के मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी श्री केदारनाथ धाम पहुंचे

October 23, 2025
4
उत्तराखंड

केंद्रीय ओबीसी की सूची मे शामिल होने की आस लगाए सीमांत पैनखंडा समुदाय के लोगों का अब सब्र का बाँध भी टूटने लगा है

October 23, 2025
14
उत्तराखंड

सुबह साढ़े आठ बजे बंद हुए बाबा केदारनाथ के कपाट

October 23, 2025
4

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Popular Stories

  • चार जिलों के जिलाधिकारी बदले गए

    67469 shares
    Share 26988 Tweet 16867
  • डोईवाला : पुलिस,पीएसी व आईआरबी के जवानों का आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण सम्पन्न

    45755 shares
    Share 18302 Tweet 11439
  • ऑपरेशन कामधेनु को सफल बनाये हेतु जनपद के अन्य विभागों से मांगा गया सहयोग

    38026 shares
    Share 15210 Tweet 9507
  •  ढहते घर, गिरती दीवारें, दिलों में खौफ… जोशीमठ ही नहीं

    37422 shares
    Share 14969 Tweet 9356
  • विकासखंड देवाल क्षेत्र की होनहार छात्रा ज्योति बिष्ट ने किया उत्तराखंड का नाम रोशन

    37293 shares
    Share 14917 Tweet 9323

Stay Connected

संपादक- शंकर सिंह भाटिया

पता- ग्राम एवं पोस्ट आफिस- नागल ज्वालापुर, डोईवाला, जनपद-देहरादून, पिन-248140

फ़ोन- 9837887384

ईमेल- shankar.bhatia25@gmail.com

 

Uttarakhand Samachar

उत्तराखंड समाचार डाॅट काम वेबसाइड 2015 से खासकर हिमालय क्षेत्र के समाचारों, सरोकारों को समर्पित एक समाचार पोर्टल है। इस पोर्टल के माध्यम से हम मध्य हिमालय क्षेत्र के गांवों, गाड़, गधेरों, शहरों, कस्बों और पर्यावरण की खबरों पर फोकस करते हैं। हमारी कोशिश है कि आपको इस वंचित क्षेत्र की छिपी हुई सूचनाएं पहुंचा सकें।
संपादक

Browse by Category

  • Bitcoin News
  • Education
  • अल्मोड़ा
  • अवर्गीकृत
  • उत्तरकाशी
  • उत्तराखंड
  • उधमसिंह नगर
  • ऋषिकेश
  • कालसी
  • केदारनाथ
  • कोटद्वार
  • क्राइम
  • खेल
  • चकराता
  • चमोली
  • चम्पावत
  • जॉब
  • जोशीमठ
  • जौनसार
  • टिहरी
  • डोईवाला
  • दुनिया
  • देहरादून
  • नैनीताल
  • पर्यटन
  • पिथौरागढ़
  • पौड़ी गढ़वाल
  • बद्रीनाथ
  • बागेश्वर
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • रुद्रप्रयाग
  • रुद्रप्रयाग
  • विकासनगर
  • वीडियो
  • संपादकीय
  • संस्कृति
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • साहिया
  • हरिद्वार
  • हेल्थ

Recent News

एसडीआरएफ के जवान सागर सिंह ने जीता वुशु प्रतियोगिता में कांस्य पदक

October 23, 2025

सवाल उठ रहा है कि क्या ये योजनाएं इस अवधि में पूरी हो पाएंगी?

October 23, 2025
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.