ज्योतिर्मठ, 12अप्रैल।
ज्योतिर्मठ मे इन दिनों भगवान श्री राम की लीलाओं का भव्य मंचन किया जा रहा है, प्रतिवर्ष भगवान बद्रीविशाल के कपाट खुलने से पूर्व के अन्य धार्मिक अनुष्ठानों की तर्ज पर श्री रामलीला महायज्ञ की भी परंपरा रही है जिसका आज की पीढ़ी भी अनुसरण करते हुए निर्वहन कर रही है।
चारधाम यात्रा पर राज्य की आर्थिकी व आम जनमानस की आजीविका निर्भर है, चारों धामों मे सर्वश्रेष्ठ धाम श्री बद्रीनाथ की यात्रा सुखद, सफल व निर्विघ्न सम्पन्न हो इस निमित्त वर्ष 1972से जोशीमठ नगर के केन्द्र स्थान गाँधी मैदान मे रामलीला महायज्ञ का आयोजन होता रहा है,वर्तमान मे “श्री नृसिंह-नव दुर्गा सेवा समिति”द्वारा श्री रामलीला मंचन का आयोजन किया जा रहा है।
शनिवार को श्री रामलीला मंचन का सप्तम दिवस है और संयोग से श्री हनुमान जयन्ती भी, रावण द्वारा सीता माता के हरण के बाद माता शबरी के सुझाव पर बानर राज सुग्रीव से मिलने से पूर्व भगवान श्री राम का हनुमान से मिलन के दृष्यों का मंचन होगा।
श्री रामलीला मंचन के अब तक के छः दिनों मे पात्रों के शानदार अभिनय के चलते श्रीरामभक्त दर्शकों की संख्या मे वृद्धि हो रही है, रामलीला का प्रत्येक पात्र पूरे मनोयोग से अपने अपने किरदार के अनुरूप बेहतरीन प्रदर्शन कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रहे है।
शुक्रवार को षष्टम दिवस पर सीता हरण के बाद भगवान श्री राम का सीता के वियोग मे विलाप व शबरी आश्रम तक के मार्मिक दृष्यों के मंचन को देखने के लिए दर्शक रात्रि दो बजे तक पांडाल मे जमे रहे है।
92वर्षीय श्रीमती रमा देवी जो श्री बद्रीनाथ धाम के पूर्व धर्माधिकारी आचार्य भुवन चंद्र उनियाल की माता जी हैं का रात्रि दो बजे तक रामलीला मंचन देखने के लिए पांडाल मे डटे रहना भी आज की युवा पीढ़ी को श्री रामलीला मंचन से जुड़ने की प्रेरणा दे रहा है।