प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। श्री बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी श्री रावल बदरीनाथ पंहुचने से पहले क्वारंटीन हांेगे या नही! इस पर 15 अप्रैल के बाद ही निर्णय लिया जा सकेगा। तीस अप्रैल को खुलने हैं, भगवान नारायण के कपाट। परंपरा व पक्रिया के तहत जोशीमठ नृसिंह मंदिर से शंकराचार्य की गददी के साथ 28 अप्रैल को पांडुकेश्वर के लिए प्रस्थान करेंगे श्री रावल। श्री रावल ने बताया कि वे उत्तराखंड सरकार के आदेशों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। और श्री बदरीनाथ धाम पंहुचने के लिए पूरी तैयारियाॅ कर चुके हैं।
कोरोना महामारी का असर इस वर्ष देवभूमि उत्तराखंड के चारों धामांे पर भी रहेगा। लेकिन फिलहाल चारों धामों के कपाट खुलने व सोशियल डेस्टेशिंग बनाए रखने की चुनौती भी सरकारों के सामने है। भू-वैकुंठ धाम बदरीनाथ के कपाट आगामी तीस अप्रैल को खोले जाने हैं। जिसके लिए दक्षिण भारत के केरल प्रांत से श्री बदरीनाथ के मुख्य पुजारी श्री रावल को भी बदरीनाथ पंहुचना है। लेकिन कोरोना ने जिस प्रकार पूरे देश को लाॅकडाउन किया हुआ है। ऐसी स्थिति मे क्या रावल को बदरीनाथ पंहुचाया जाऐगा और क्या बदरीनाथ पंहुचने से पहले उन्है भी क्वाॅरटीन की प्रक्रिया से गुजरना होगा! इन सब सवालो को लेकर असमजस की स्थिति बनी हुई है। हाॅलाकि बदरीनाथ के धर्माधिकारी आचार्य भुवन चंद्र उनियाल जो इस समय सीधे शासन के संपर्क मे है। उनका कहना है कि शासन की ओर से स्पष्ट कहा गया है कि इस विषय पर 15अप्रैल के बाद ही अंतिम फैसला लिया जा सकता है।
धर्माधिकारी श्री उनियाल के अनुसार कपाट खोलने के लिए मुख्य पुजारी श्री रावल, नायब रावल, धर्माधिकारी व वेदापाठीगणों के साथ ही पूजा अधिष्ठान से संबधित कर्मचारियों के अलावा पर्यावरण मित्र तथा भंडार व अभिषेक के लिए नित्य प्रतिदिन दूध की ब्यवस्था के लिए हकहकूक समाज की आवश्यकता होगी। उनका कहना था कि भगवान के भोग के लिए पर्याप्त सामग्री मौजूद है। और लकडियों का भी भंडारण है। इसकी जानकारी वे उचित माध्यम से शासन को दे चुके हैं। साथ ही शासन से यह भी आग्रह किया गया है कि वारीदारों की आवश्यक नुमाइंदी के लिए डिमरी पंचायत, पांडुकेश्वर व जोशीमठ के हकहकूकधारी समाज, ब्रहमकपाल तीर्थ पुरोहित समाज, व पंडा समाज से जानकारी ली जा सकती है।
श्री बदरीनाथ के मुख्य पुजारी श्री रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी को केरल प्रांत के कन्नूर जिले के चिरूधानम गाॅव से यहाॅ पंहुचना है। और श्री रावल बदरीनाथ धाम पंहुचकर पौराणिक पंरपरा के निर्वहन के लिए पूरी तरह से तैयार है। दूरभाष पर मुख्य पुजारी श्री रावल ने बताया कि कुछ दिन पूर्व उत्तराखंड सरकार के पर्यटन सचिव दलीप जावलकर ने फोन पर वार्ता करते हुए शीध्र ही बदरीनाथ धाम पंहुचाने की ब्यवस्था बनाने के लिए कहा था । और वे उनके व उत्तराख्ंाड सरकार के आदेशो व ब्ववस्था की प्रतीक्षा कर रहे है।
यहाॅ यह भी उल्लेखनीय है कि श्री बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी श्री रावल बदरीनाथ धाम मे स्वत ही सोसियल डिस्टेशिंग मे रहते है। भगवान नारायण के अभिषेक के साथ ही समस्त पूजाओ के दौरान अपने कक्ष से मंदिर के गृभ गृह तक पंहुचते वक्त श्री रावल को छूना भी वर्जित रहता है। ऐसे मे सिर्फ जरूरत उनके पूजा संपादन के बाद भी इसी प्रकार की सोसियल डिस्टेशिंग बनी रहे, इसका ध्यान रखा जाना चाहिए। साथ ही जोशीमठ नृंिसंह मंदिर से प्रस्थान के बाद बदरीनाथ पंहुचने तक भी भक्त, पुजारी व कर्मचारी सोसियल डिस्टेशिंग का पालन करे।
उत्तराख्ंाड सरकार की ओर से कपाट खुलने को लेकर की जा रही पहल को देखते हुए स्पष्ट है कि लाॅकडाउन व सोसियल डिस्टेशिंग के नियमो का पालन कराते हुए सरकार तय समय पर भगवान श्री हरिनारायण के कपाट तय मुहुर्त पर खुलेगे। और भगवान की नित्य पूजाएं व भोग की प्रक्रियाएं पंरपरानुसार संपादित होगी।