फोटो-तपोवन वैराज के पास सर्च आपरेशन जारी ।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। ऋषि गंगा रैणी व तपोवन त्रासदी के एक महीने बाद भी सैकडांे लोग अब भी लापता हैं। मौत की सुरंग के अन्दर फॅसे 35 लोगों का भी नहीं लग सका कोई सुराग।
सात फरवरी रविबार से सात मार्च रविबार को ऋषि गंगा का त्रासदी का एक महीना पूरा हुआ। लेकिन ़ऋषि गंगा को जलजले मे समाए ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट के मजदूर व एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाड परियोजना के वैराज व टनल से लापता हुए कार्मिकों व मजदूरों की ढूॅड-खोज एक महीने बाद भी जारी है। हाॅलाकि ढूॅड-खोज की रफ्तार कुछ कम अवश्य हुई है। इसके वावजूद सैकडो मजदूर व कार्मिक अभी भी लापता है। यही नही मौत की सुरंग मे सात फरवरी को फॅसे 35लोगों का भी अभी तक कोई सुराग नही लग सका। पहले टनल के अन्दर 180मीटर टी-प्वाइंट तक पंहुचने की जदोजहद हुई, तब यह बताया गया कि टी-प्वाइंट पर ही उस दिन 35 लोग काम कर रहे थे।जब वहाॅ तक पंहुचे तो बताया कि वाई जक्संन तक मलबे के धक्के मे वे 35लोग पंहुच गए होगे। इस दौरान यह बात भी सामने आई कि सभी 35लोग मलबे के साथ एसएफटी-सिल्ट फ्लसिंग टनल मे फंस गए होगे। लेकिन एक महीने के बाद भी उन 35लोगो तक नही पंहुचा जा सका और परिजन अपनो का इंतजार करते रह गए।
ढाक गाॅव के भरत सिंह विष्ट जिनके बडे भाई हरीश विष्ट भी सात फरवरी को रोज की तरह कार्य पर गए थे और सुरंग मे ही उनका काम था, लेकिन एक महीने बाद भी परिजनो को उनका कुछ पता नही लग पा रहा हैं। हरीश की दो बेटियाॅ व एक बेटा है जो हादसे के दिन से अपने पिता का इंतजार कर रहे है। भरत विष्ट बताते है कि वे रोज ही टनल साइड पर जाकर राहत व बचाव कार्यो को देख रहे है। लेकिन निराशा ही हाथ लग रही है।
एक महीने के अन्तराल के बाद अब टनल के अन्दर दो सौ मीटर तक पंहुचा जा सका है, लेकिन एसएफटी मे पानी की मात्रा अत्यधिक होने के कारण वहाॅ ढूूड-खोज के कार्य मे भी रूकावट आ रही है। रविबार को पानी की मात्रा को देखते हुए सुरक्षा के दृष्टिगत कार्य की रफ्तार धीमी ही रही।
ऋषि गंगा त्रासदी मे कुल 204लोग लापता बताए गए है,जिनमे स ेअब 72शव व 31मानव अंग बरामद किए जा चुके है।मृतक व लापता लोगो मे 115कार्मिक/मजदूर एनटीपीसी की सहायक कपंनी ऋत्विक के, तीन लोग एचसीसी कंपनी के,21ेलोग ओम मेटल कपंनी के, दो महिलाएं तपोवन व दो महिलाए रिंगी की तथा रैणी गाॅव के पाॅच लोगो सहित 61 लोग रैणी से लापता हुए थे।