फोटो– बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। हेलंग-मारवाडी वाईपास को लेकर बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष प्रधान मंत्री व सडक परिवहन मंत्री के समक्ष धार्मिक पक्ष रखेगे। वार्ता हेतु समय के लिए पीएमओ से सपंर्क किया गया। मंदिर समिति के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल ने कहा कि मान्य धार्मिक परंपराओं को जीवित रखने व जोशीमठ के अस्तित्व को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंेगे।
जोशीमठ के अस्तित्व को समाप्त कर प्रस्तावित हेलंग-मारवाडी वाईपास को लेकर जहाॅ स्थानीय स्तर पर बडे आंदोलन की शुरूवात हो रही है। वही अब बदरी-केदार मंदिर समिति भी जनभावनाओ के साथ धार्मिक पंक्ष को लेकर मुखर हो गई है। बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल ने बताया कि वाईपास को लेकर उन्होने प्रधान मंत्री एवं सडक परिवहन मंत्री से वार्ता के लिए समय मांगा है। शीध्र ही वार्ता कर अपना पक्ष मजबूती के साथ रखा जाऐगा।
मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री थपलियाल ने कहा कि आद्य जगदगुरू शंकरचार्य की तपस्थली भगवान नृंिसंह की भूमि ज्यार्तिमठ-जोशीमठ से श्री बदरीनाथ यात्रा अनादिकाल से ही संचालित होती रही है। करीब 2502वर्ष पूर्व से चली आ रही धर्मिक मान्यताओ व परंपराओ के अनुरूप भगवान नृंिसहं के दर्शनो के उपरांत भगवान बदरीविशाल के दर्शन हो, इसके लिए बदरी-केदार मंदिर समिति की ओर से धार्मिक ग्रंन्थों के प्रमाण प्रधानमंत्री को उपलब्ध कराए जाऐगे। उन्होने कहा कि उन्है उम्मीद है कि भगवान केदार के अनन्य भक्त प्रधानमंत्री मोदी अवश्य जनभावनाओ व धार्मिक भावनाओ को समझते हुए गहनता से विचार करेगे और जोशीमठ-नृसिंह मंदिर को छूते हुए जो वैकल्पिक मार्ग सुझाया गया है उस पर सहमति ब्यक्त करेगें।
श्री थपलियाल ने जानकारी दी कि वे पहले भी सूबे के पर्यटन व धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज व बदरीनाथ के विधायक महेन्द्र भटट के नेतृत्व मे सडक परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भेंट कर चुके हैं और तब सडक परिवहन मंत्री ने वैकल्पिक मार्ग का पुन सर्वेक्षण का आश्वासन दिया था। लेकिन मंत्रालय के कुछ अधिकारी धार्मिक पक्ष की अनदेखी कर सिर्फ दूरी कम होने का ही आंकलन प्रस्तुत कर रहे है। जो कतई उचित नही है।
बताते चलें कि वर्ष 1988-89 मे जोशीमठ से दस किमी0पहले हेलंग नामक स्थान से बीआरओ द्वारा एक वाईपास का निर्माण शुरू किया गया था। तब जोशीमठ के जागरूक नागरिको ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय पंहुचकर उक्त वाईपास के विरोध मे स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया था। तब से उक्त मार्ग पर कार्य बंद ही रहा। लेकिन अब आॅल वैदर रोड के नाम पर पुन हेलंग से वाई पास निर्माण की तैयारियों की सुगबुगाहट व बीआरओ के अधिकारियों द्वारा वाईपास निर्माण को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर करने के बाद सीमांत क्षेत्र की शीतवादियों मे एक बार फिर वाईपास का मामला गरमा गया है। ब्यापार संघ व स्थानीय लोगो ने 21जनवरी से बडे आंदोलन की रूप-रेखा तय कर ली है। तो बदरीनाथ के विधायक भी जनता की मांग के पक्ष मे खडे दिख रहे है।
भाजपा विधायक महेन्द्र भटट ने कहा कि वाईपास को लेकर वे जोशीमठ की जनभावनाओ के साथ है।
इधर ब्यापार संघ व स्थानीय जनमानस ने वाईपास के विरोध मे आंदोलन की रूप रेखा तय कर ली है। ब्यापार संघ के अध्यक्ष नैन सिंह भंडारी के अनुसार 21जनवरी को गाॅधी मैदान से एक विशाल प्रदर्शन शुरू किया जाऐगा। जो पूरे शहर मे घूमने के बाद तहसील मुख्यालय मे पंहुचकर क्रमिक धरने पर तब्दील होगा। कहा कि प्रदिदिन दस-दस लोग क्रमिक धरने पर बैठेगें। और वाईपास पर रोक लगने तक आंदोलन जारी रहेगा ।