चमोली में सोशल मीडिया के सहारे बना दिया गया बात का बतंगड़ डीएम से वार्ता का चुनिंदा प्रसंग वायरल कर बना दिया गया तिल का ताड़ कर्मचारियों ने जताया रोष कार्य बहिष्कार कर छवि धूमिल करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग पर दिया जोर
गोपेश्वर। सोशल मीडिया आज के दौर में सूचना का सबसे बड़ा माध्यम है लेकिन इसके खतरे भी कम नहीं हैं। इलेक्ट्रोनिक मीडिया की तरह चुनिंदा बातें सार्वजनिक करना और बात का बतंगड़ बना देना एक रिवाज सा हो गया है। इलेक्ट्रोनिक मीडिया में फिर भी कुछ मर्यादाएं हैं लेकिन सोशल मीडिया बेलगाम होने से उसी अनुपात में खतरे भी बढ़ रहे हैं। ताजा मामला नगर पालिका क्षेत्र गोपेश्वर का है।
यहां हल्दापानी क्षेत्र में भूस्खलन की समस्या को लेकर जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया के साथ स्थानीय लोगों की हुई वार्ता के कुछ अंशों को काट छांट कर सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचारित करने पर बात का बतंगड़ बन गया जबकि वस्तुस्थिति कुछ और रही है।
जिलाधिकारी ने बीती 28 जून को लोगों की समस्याओं को सुन कर उसके समाधान का आश्वासन दिया, उस दौरान उन्होंने लोगों को प्रशासन द्वारा किए गए प्रयासों तथा शासन को भेजे प्रस्ताव का हवाला भी दिया। कोविड काल में सोशल डिस्टेंसिंग को ताक पर रख कर आए लोगों को डीएम स्वाति भदौरिया ने शांत कराना चाहा था लेकिन सोशल मीडिया पर उस बातचीत का एक छोटा सा अंश वायरल किए जाने से न सिर्फ तिल का ताड़ बन गया बल्कि एक संजीदा और हर वर्ग के प्रति संवेदनशील जिलाधिकारी की छवि को धूमिल करने की ज्यादा कोशिश की गई।
नंदप्रयाग नगर पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती हिमानी वैष्णव ने इस प्रकरण को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि डीएम स्वाति एस भदौरिया ने कोविड हो, जनकल्याण हो, कोई आपदा हो, हर परिस्थिति में परिवार को छोड़ जनता के सुख दुख में भागीदारी दी है लेकिन कुछ निहित स्वार्थी तत्वों को यह रास नहीं आ रहा है और इस बार उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लेकर एक बेहद संजीदा अधिकारी के प्रति दुर्भावना का परिचय दिया है, यह निंदनीय है।कलेक्ट्रेट कर्मचारी यूनियन ने इस घटना पर सोमवार को कड़ी नाराजगी जताते हुए यहां कलेक्ट्रेट मुख्यालय में जमकर नारेबाजी करने के साथ ही कार्यबहिष्कार किया।
कर्मचारी नेताओं ने डीएम की छवि धूमिल करने वालों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई करने की मांग करते हुए कहा कि इससे जमीन पर कार्य करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों का मनोबल गिरता है।कर्मचारी यूनियन ने आरोप लगाया कि कुछ असामाजिक तत्वों के द्वारा जानबूझ कर प्रशासनिक कार्यों को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है जो कि सरासर गलत है। इससे जिले के तमाम कर्मचारी भी अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। कर्मचारी यूनियन ने असामाजिक तत्वों के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई करने की मांग की हैं।
इस संबंध में यूनियन ने अपर जिलाधिकारी हेमंत वर्मा को एक ज्ञापन सौंप कर माहौल खराब करने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने की मांग की हैं। कलेक्ट्रेट कर्मचारी यूनियन ने प्रकरण पर जल्द कार्रवाई नहीं होने पर अन्य कर्मचारी संगठनों के साथ मिलकर पूर्ण कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी हैं। इस मौके पर कलेक्ट्रेट कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष विमल बिष्ट, उपाध्यक्ष योगेश कुमार, महामंत्री राकेश नेगी, जेपी पुरोहित, दर्शन नेगी, गांगी लाल, शहवाज अली, दिनेश खंडूड़ी, शिताबु लाल आदि ने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर अध्यक्ष विमल बिष्ट ने कहा कि पिछले तीन वर्षों से अधिक समय से जिलाधिकारी भदौरिया यहां पर कार्यरत हैं। इस दौरान उनके द्वारा किए गए विकास कार्यों, महिला, बच्चों के कल्याण एवं गरीबों के उत्थान के लिए किए गए कार्यों की सराहना पूरे प्रदेश स्तर पर की जाती रही है। बावजूद इसके उन का गलत वीडियो वायरल करने से उनकी छवि के साथ ही जिले के अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों की छवि खराब हो रही हैं, जिस पर कानूनी कार्रवाई किया जाना बेहद जरूरी हैं।
ताकि किसी की छवि को धूमिल करने से पहले लोगों को सोचने पर मजबूर होना पड़े।बताते चलें कि आगामी 24 जुलाई की श्रीमती भदौरिया को जिले में तैनाती के तीन साल पूरे हो रहे हैं और इस दौरान उनका काम सराहनीय रहा है।
रैणी आपदा के दौरान तो वे कई कई दिन अपने अकेले बच्चे को छोड़ कर मौके पर डटी रही, कदाचित सोशल मीडिया के धुरंधरों को यही बात रास नहीं आई और एक अवांछित प्रयास कर जिले की छवि को भी धूल धूसरित कर दिया गया। यह सर्वविदित है कि कोई भी डीएम स्थाई नहीं होता लेकिन उसके द्वारा किए गए कार्य नजीर की तरह रहते हैं। उनको कोई झुठला नहीं सकता लेकिन सोशल मीडिया के इस दौर में अच्छे कार्य करने में भी खतरे ही खतरे हैं, फिर कोई बेहतर करने का प्रयास ही क्यों करेगा, यह बड़ा सवाल है।