ज्योतिर्मठ, 30मार्च।
चेत्र शुक्ल प्रतिपदा प्रथम नवरात्रि पर्व पर श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति द्वारा श्री नव दुर्गा सिद्धपीठ मे प्रति वर्ष आयोजित श्रीमद देवीभागवत कथा के प्रथम दिवस कथा प्रवचन करते हुए श्री बद्रीनाथ धाम के धर्माधिकारी आचार्य राधाकृष्ण थपलियाल ने माता शैल पुत्री के स्वरूप का वर्णन किया।
उन्होंने कहा कि माँ दुर्गा को सर्वप्रथम शैल पुत्री के रूप मे पूजा जाता है, नव रात्रि पर्व का पहला दिन ही माता दुर्गा के शैल पुत्री स्वरूप को समर्पित होता है।
आचार्य थपलियाल ने कहा कि माँ शैल पुत्री सिखाती है कि जीवन मे सफलता के लिए इरादों मे चट्टान की तरह मजबूती व अडिगता होनी चाहिए।
धर्माधिकारी श्री थपलियाल ने कहा कि चैत्र नवरात्रि पर्व पर माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है और हम सबका सौभाग्य है कि सिद्धपीठ नव दुर्गा के प्रांगण “मठागण” मे देवी भगवती के नौ रूपों की पूजा एवं कथा का आयोजन हो रहा है।
इससे पूर्व नव दुर्गा मंदिर मे पंचाग पूजन, घटस्थापन तथा प्रथम दिवस के पारायण के उपरांत कथा ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ हुआ।
इस अवसर पर मंदिर अधिकारी राजेन्द्र चौहान,वेदपाठी रविन्द्र भट्ट, देवपुजाई समिति ज्योतिर्मठ के अध्यक्ष अनिल नम्बूरी, पुजारी प्रकाश डिमरी, संजय डिमरी, श्रीमद देवी भागवत कथा प्रभारी कुलदीप भट्ट, श्री नरसिंह मंदिर प्रभारी संदीप कपरुवाण, मठभण्डारी विनोद नंबूरी, प्रकाश सती, विशम्बर कवाण, एवं प्रबंधक अजय सती सहित अनेक लोग मौजूद रहे।