ज्योतिर्मठ, 30मार्च।
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा हिन्दू नव वर्ष विक्रमी संवत्सर 2082 के शुभ अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ज्योतिर्मठ द्वारा मुख्य बाजार में मारवाडी चौक से टीसीपी बजार तपोवन स्टेण्ड तक घोष के साथ पूर्ण गणवेश में पथ संचलन किया गया ।
पथ संचलन से पूर्व सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज सभागार में स्वयं सेवकों का एकत्रीकरण हुआ जिसमें सर संघचालक प्रणाम, ध्वज प्रणाम, गणगीत, एकल गीत तथा अमृत वचन के उपरांत विभाग प्रचार प्रमुख शंभू प्रसाद चमोला द्वारा अपना उद्बोधन का आरंभ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा नव संवत्सर 2082 की शुभकामना संदेश के साथ शुरू किया गया।
उन्होंने संघ के प्रमुख छः उत्सवों में से चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला गया, विभाग प्रचार प्रमुख ने कहा कि संघ हिंदू समाज के बीच संगठन नहीं बनाता अपितु हिंदुओं का संगठन बनाता है इसीलिए यह विश्व का एक सर्वाधिक आयु / कलावधि का संगठन है जिसे आज सौ साल पूर्ण हो चुके हैं।
उन्होंने सौ वर्ष पूर्ण होने पर संघ द्वारा मुख्य रूप से चलाए जा रहे अभियान पंच कर्तव्य या पंच परिवर्तन : पर्यावरण एवं जल संरक्षण, कुटुंब प्रबोधन, स्व: का बोध,सामाजिक समरसता एवं नागरिक कर्तव्य पर उपस्थित स्वयंसेवकों का मार्गदर्शन कर इन अपने जीवन में अपनाते हुए समाज में ले जाने की बात कही ।
उल्लेखनीय हो कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ज्योतिर्मठ इकाई के प्रारंभिक वर्ग में उपस्थित जिला बौद्धिक प्रमुख दिनेश मैदुली, नगर संघचालक दाताराम मिश्रा, नगर कार्यवाह दर्वेश्वर प्रसाद थपलियाल, सह नगर कार्यवाह प्रकाश पंवार, नगर प्रचार प्रमुख/ वर्ग व्यवस्था प्रमुख कैलाश भट्ट सहित प्रारंभिक वर्ग के 41 शिक्षार्थी स्वयंसेवी सहित नगर एवम खण्ड के कुल 165 स्वयंसेवियों ने पथ संचलन में प्रतिभाग किया गया
इस अवसर पर मुख्य बाजार में स्थानीय लोगों द्वारा स्वयंसेवियों के ऊपर अपने घरों की छत से फूल वर्षा कर स्वागत किया गया ।