रिपोर्ट – सत्यपाल नेगी
ऊखीमठ – ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग भगवान श्री केदारनाथ के रक्षपाल भकुंड भैरव नाथ की विधिवध पूजा के पश्चात केदारनाथ यात्रा की धार्मिक परंपरा प्रारंभ हो गई है पंच केदार गदी स्थल ऊखीमठ में 20 अप्रैल की रात्रि को बृहद धार्मिक अनुष्ठान के बीच केदारनाथ के रावल भीमा शंकर लिंग महाराज की मौजूदगी में बाबा भेरवनाथ को श्री केदारपुरी के लिए रवाना किया गया।
ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में मुख्य पूजा के पश्चात भैरव नाथ मंदिर में विशेष पूजा अनुष्ठान चला रावल जी की मौजूदगी में धाम के मुख्य पुजारी आचार्यों वेदपाठियों ने मंत्रोचारण के साथ ही भगवान की अभिषेक व श्रृंगार पूजाएं संचालित की विभिन्न भोगों के साथ भगवान को स्थानीय अनाज से निर्मित पूरी ब पकोड़ी की माला व महा भोग लगा कर बाबा भैरव नाथ को केदारपुरी के लिए रवाना किया गया। मान्यता है की श्री केदार यात्रा को सुखद संचालित करने तथा भक्तो की रक्षा करने के उद्देश्य से भगवान की डोली प्रस्थान से एक दिन पूर्व केदार धाम के लिए रवाना किया जाता हैं।
बता दें की 25 अप्रैल को भगवान श्री केदारनाथ के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिया जाएंगे। 21 अप्रैल को बाबा की चलविग्रह डोली ऊखीमठ से प्रस्थान कर गुप्तकाशी,फाटा,गौरीकुंड होते हुये 24 अप्रैल को केदारपुरी पंहुचेगी। बृहस्पति वार की रात्रि को संपन हुये धार्मिक अनुष्ठान में केदारनाथ विधायक शैला रानी रावत,भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्ष आशा नौटियाल के साथ ही बदरी केदार मंदिर समिति के अधिकारी कर्मचारी तीर्थ पुरोहित हक्कुकधारी स्थानीय ब विभिन्न प्रांतों से आए श्रद्धालु मौजूद थे।