• About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact
Uttarakhand Samachar
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
Uttarakhand Samachar

श्री केदारनाथ धाम के सम्बन्ध में वायरल वीडियो पर बदरीनाथ-केदारनाथ मन्दिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय का वक्तव्य

16/05/22
in उत्तराखंड
Reading Time: 1min read
0
SHARES
672
VIEWS
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter

कुछ महिला यात्रियों का सोशियल मीडिया में वायरल हो रहा एक वीडियो जो कि वस्तुतः वर्ष 2020 यात्राकाल का है, जब वैश्विक कोरोना महामारी व्याप्त थी। उक्त वर्ष में पूजा/दर्शन आदि हेतु एस0ओ0पी0 (मानक प्रचालन विधि) शासन द्वारा जारी की गयी थी, जिसके अनुपालन में किसी भी प्रकार से मन्दिरों में जलाभिषेक, पूजाएं करना, प्रसाद चढाना, टीका आदि लगाना, मूर्तियों/घण्टियों/वस्तुओं को छूना पूर्णतः प्रतिबन्धित था। इसी एस0ओ0पी0 के तहत श्री धाम में आने वाले यात्रियों को मात्र सम्बन्धित पक्षकारों द्वारा दर्शन उपलब्ध कराये जा रहे थे।

परम्परानुसार श्री केदारनाथ मन्दिर के कपाट प्रातः काल में खुलने एवं सायं काल में कपाट बन्द होने का समय निश्चित है। इस दौरान आदिकाल से चली आ रही समस्त पूजाएं, नित्य-नियम भोग, श्रृंगार एवं धर्म दर्शन की परम्परा अनवरत जारी है। सामान्यतः प्रातः काल में मन्दिर खुलने के बाद सभी श्रद्वालुओं को दर्शन (धर्म-दर्शन) उपलब्ध कराये जाते हैं, जिसमें किसी भी प्रकार का शुल्क/फीस नहीं लिया जाता है। परम्परानुसार श्रद्वालुओं द्वारा श्री केदारनाथ मन्दिर में महाभिषेक, रूद्राभिषेक, षोडषोपचार पूजा, प्रातः कालीन पूजा, सांय कालीन आरती एवं अर्चना पाठ सम्पादित करवाने का विधान है, जो आदिकाल से चली आ रही है। मन्दिर समिति इस व्यवस्था को इस ढंग से सम्पादित करती है कि सामान्य दर्शन (धर्म दर्शन) अनवरत रुप से अबाधित एवं परम्परा को अक्षुण रखते हुए पूजाएं (महाभिषेक, रूद्राभिषेक, षोडषोपचार पूजा, प्रातः कालीन पूजा, सांय कालीन आरती एवं अर्चना पाठ) भी सम्पादित होती रहे। इन पूजाओं के लिए निश्चित समयावधि एवं संख्या मन्दिर समिति द्वारा निर्धारित की जाती है, जो सामान्यतः रात्रि के 12ः00 बजे से 03ः00 बजे के मध्य सम्पादित की जाती हैं। ताकि सामान्य रुप से आने वाले श्रद्धालुओं को दर्शन में किसी भी प्रकार की कठिनाई उत्पन्न न हो।

पूजाएं (महाभिषेक, रूद्राभिषेक, षोडषोपचार पूजा, प्रातः कालीन पूजा, सांय कालीन आरती एवं अर्चना पाठ) सम्पादित करवाना बाध्यकारी नहीं होती हैं, जो श्रद्धालु स्वेच्छा से पूजाएं, अर्चना एवं पाठ सम्पादित करवाना चाहते हैं, उन्हें ही प्राथमिकता दी जाती है, जिसका सम्पादन मन्दिर समिति के आचार्य एवं वेदपाठीगण करते है। पूजा सम्पादन हेतु श्रद्धालुओं को मन्दिर समिति द्वारा पूजार्थ द्रव्य, जलाभिषेक कलश, प्रसाद, रूद्राक्ष माला आदि दिये जाते हैं, जिसके एवज में श्रद्धालुगण समिति को सम्पादित होने वाले पूजाओं की समय अवधि को ध्यान में रखते हुए एक सहयोग राशि देते हैं।

स्वेच्छिक रुप से सम्पादित पूजाओं के उपरान्त श्रद्धालुओं द्वारा दी गयी सहयोग राशि से भगवान के नित्य नियम भोग, पूजा, प्रसाद, पूजार्थ द्रव्य, भण्डारा, चिकित्सा व्यवस्था, यात्री विश्राम गृह निर्माण एवं रख-रखाव, संस्कृत महाविद्यालयों का संचालन, विद्यालयों में अध्ययरत् छात्र-छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा, आवास, भोजन आदि की व्यवस्था एवं मन्दिर समिति के पूजारी, अधिकारी, कर्मचारी, सेवाकारों को वेतन उपलब्ध कराई जाती है।

पूजा की उक्त व्यवस्था वर्ष 1939 श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मन्दिर समिति के गठन से चली आ रही है, वरन् इससे पूर्व जब रावल व्यवस्था कायम थी तब से यह परम्परा/व्यवस्था चली आ रही है, जिसकी अपनी धार्मिक मान्यता एवं परम्परा है, जिसका निर्वहन करना मन्दिर समिति के अधिनियम के तहत भी उल्लिखित है।

श्री केदारनाथ धाम में जो यात्री/श्रद्धालुगण दर्शन करते हैं, उनके द्वारा भगवान को अर्पित किये जाने वाले पूजार्थ द्रव्य वे बाजार से क्रय करते हैं। जिसका नियंत्रण समिति के अधीन नहीं रहता है।

कोरोना काल को छोड कर सामान्य स्थिति में मन्दिर में प्रवेश वाले श्रद्धालुगणों का विभिन्न पूजा/दर्शन स्थलों यथा गर्भगृह, पार्वती जी, श्री लक्ष्मी नारायण आदि स्थानों में टीका चन्दन समिति के आचार्य, वेदपाठी गणों द्वारा मंत्रोचार के साथ किया जाता है तथा श्रद्धालुओं से किसी भी प्रकार की धनराशि नहीं ली जाती है, श्रद्धालुओं द्वारा स्वेच्छा से धनराशि दान पात्रों में धनराशि अर्पित की जाती है, जिसकी निगरानी समिति के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा स्वयं एवं सी0सी0टी0वी0 कैमरों के माध्यम से की जाती है। परन्तु कोरोना काल में एस0ओ0पी0 के तहत ये सभी प्रक्रियाएं बाधित थी।

ShareSendTweet
Previous Post

अब तक 360882 तीर्थयात्रियों ने की बदरीनाथ-केदारनाथ की यात्रा

Next Post

केदारनाथ धाम मे यात्रीयो को दीं जा रही हैँ सभी सुविधाएं शाँति व धैर्य के साथ करे दर्शन- जिलाधिकारी

Related Posts

उत्तराखंड

जिलाधिकारियों को सीएम के निर्देश, प्रदेश में लगातार हो रही वर्षा के दृष्टिगत अपनी पूरी टीम के साथ लगातार ग्राउंड ज़ीरो पर रहें

August 4, 2025
3
उत्तराखंड

भेड़चाल फ़िल्म का प्रदर्शन

August 4, 2025
4
उत्तराखंड

आचार्य बालकृष्ण के जन्मदिन पर पतंजलि किसान सेवा समिति कोटद्वार द्वारा जड़ी-बूटी के पौधे किये वितरित

August 4, 2025
6
उत्तराखंड

जाति, आय एवं स्थायी निवास प्रमाणपत्रों के मामले लंबित न रहें: जिलाधिकारी गढ़वाल

August 4, 2025
4
उत्तराखंड

देवराड़ा के ग्रामीणों को नगर पंचायत नहीं ग्राम पंचायत चाहिए

August 4, 2025
4
उत्तराखंड

सुरक्षित भविष्य: छात्रों को नौकरियों के लिए तैयार करना

August 4, 2025
5

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Popular Stories

  • चार जिलों के जिलाधिकारी बदले गए

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • डोईवाला : पुलिस,पीएसी व आईआरबी के जवानों का आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण सम्पन्न

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • ऑपरेशन कामधेनु को सफल बनाये हेतु जनपद के अन्य विभागों से मांगा गया सहयोग

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  •  ढहते घर, गिरती दीवारें, दिलों में खौफ… जोशीमठ ही नहीं

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • विकासखंड देवाल क्षेत्र की होनहार छात्रा ज्योति बिष्ट ने किया उत्तराखंड का नाम रोशन

    0 shares
    Share 0 Tweet 0

Stay Connected

संपादक- शंकर सिंह भाटिया

पता- ग्राम एवं पोस्ट आफिस- नागल ज्वालापुर, डोईवाला, जनपद-देहरादून, पिन-248140

फ़ोन- 9837887384

ईमेल- shankar.bhatia25@gmail.com

 

Uttarakhand Samachar

उत्तराखंड समाचार डाॅट काम वेबसाइड 2015 से खासकर हिमालय क्षेत्र के समाचारों, सरोकारों को समर्पित एक समाचार पोर्टल है। इस पोर्टल के माध्यम से हम मध्य हिमालय क्षेत्र के गांवों, गाड़, गधेरों, शहरों, कस्बों और पर्यावरण की खबरों पर फोकस करते हैं। हमारी कोशिश है कि आपको इस वंचित क्षेत्र की छिपी हुई सूचनाएं पहुंचा सकें।
संपादक

Browse by Category

  • Bitcoin News
  • Education
  • अल्मोड़ा
  • अवर्गीकृत
  • उत्तरकाशी
  • उत्तराखंड
  • उधमसिंह नगर
  • ऋषिकेश
  • कालसी
  • केदारनाथ
  • कोटद्वार
  • क्राइम
  • खेल
  • चकराता
  • चमोली
  • चम्पावत
  • जॉब
  • जोशीमठ
  • जौनसार
  • टिहरी
  • डोईवाला
  • दुनिया
  • देहरादून
  • नैनीताल
  • पर्यटन
  • पिथौरागढ़
  • पौड़ी गढ़वाल
  • बद्रीनाथ
  • बागेश्वर
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • रुद्रप्रयाग
  • रुद्रप्रयाग
  • विकासनगर
  • वीडियो
  • संपादकीय
  • संस्कृति
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • साहिया
  • हरिद्वार
  • हेल्थ

Recent News

जिलाधिकारियों को सीएम के निर्देश, प्रदेश में लगातार हो रही वर्षा के दृष्टिगत अपनी पूरी टीम के साथ लगातार ग्राउंड ज़ीरो पर रहें

August 4, 2025

भेड़चाल फ़िल्म का प्रदर्शन

August 4, 2025
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.