डोईवाला (प्रियांशु सक्सेना)। डोईवाला विकासखंड के ग्राम भोगपुर में शांतिकुंज हरिद्वार के गायत्री शक्तिपीठ में स्थापित खादी प्रशिक्षण एवं उत्पादन केंद्र हथकरघा उद्योग को एक नई दिशा प्रदान कर रहा है। केंद्र का उद्देश्य परंपरागत हथकरघा उद्योग को जीवित रखना और आधुनिक समाज के अनुरूप ढालकर महिलाओं को स्वरोजगार देना है।
सूत कताई और हथकरघा की कला के माध्यम से केंद्र महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान कर आत्मनिर्भर बना रहा हैं। हथकरघा उद्योग से जुड़कर महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार हो रहा है और आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। जिससे उनके परिवारों को आर्थिक सहारा मिल रहा है। बता दे की वर्तमान में इस कताई प्रशिक्षण केंद्र में 18 कताईकार और 2 बुनकर सुचारू रूप से कार्यरत हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता अंकित तिवारी ने कहा कि युवा पीढ़ी का हथकरघा उद्योग से मोह भंग हो गया है परंतु भोगपुर का यह केंद्र एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को इस कला से जोड़ने का प्रयास कर रहा है। यहां के प्रशिक्षण केंद्र से सीखकर महिलाएं सूत कातने का काम कुशलता से कर रही हैं। जिससे यह कला अपने पुराने स्वरूप में लौट रही है।
ग्रामीण जगदीश ने बताया यह केंद्र महिलाओं के लिए एक मंच के रूप में काम कर रहा है। जहां वे अपने हुनर को निखार सकती हैं और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकती हैं। इस अवसर पर कताई शिक्षक आशू खण्डूरी, मंजू थपलियाल, सुमन मनवाल, रजनी कुकरेती, अनिता, मुख्तार अंसारी, नुसरत आदि मौजूद थे।