रिपोर्ट : प्रकाश कपरूवाण।
जोशीमठ : आद्य जगद्गुरु शंकराचार्य की तपोभूमि, धार्मिक एवं पर्यटन नगरी जोशीमठ लगातार भू धंसाव की गंभीर समस्या से त्रस्त है,नगर के सभी नौ वार्डों मे आवाशीय मकान,गौशाला,भूमि व संपर्क मार्ग भू धंसाव के कारण जमीदोज होने के कगार पर हैं,इसे लेकर रविवार को एक बैठक का आयोजन कर जोशीमठ के अस्तित्व को बचाने पर गहन मंथन हुआ।
जोशीमठ नगर पालिका अध्यक्ष शैलेन्द्र पंवार की अध्यक्षता मे नगर पालिका सभागार मे हुई इस बैठक मे जोशीमठ नगर में लगातार हो रहे भू धंसाव को लेकर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए वक्ताओं ने एनटीपीसी की टनल एवं हेलंग-मारवाड़ी बाईपास को भू धंसाव का प्रमुख कारण मानते हुए पुनर्विचार का सुझाव दिया।
इस बैठक मे कहा गया कि एक तरफ सरकार जोशीमठ मे भू धंसाव का भूगर्भीय सर्वेक्षण करा रही है,वहीं जोशीमठ की तलहटी से हेलंग-मारवाड़ी बाईपास का निर्माण जोर शोर से कर रही है।
लोगों का यह भी कहना था कि बाईपास निर्माण शुरू होने के बाद भू धंसाव तेजी से बढ़ा है।
बैठक मे एक 26 सदस्यीय टीम गठित की गई, जो सभी वार्डों के सभासदों के साथ लोगों से जनसंपर्क कर 24 दिसंबर को प्रस्तावित बृहद प्रदर्शन में शामिल होने का आव्हान करेंगें।
जोशीमठ को बचाने का यह आंदोलन “जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति”के बैनर तले होगा जिसमें सभी राजनैतिक दल व सामाजिक संगठन बढ़चढ़ कर भाग लेंगे।
बैठक मे ब्लॉक प्रमुख हरीश परमार,कामरेड अतुल सती, राकेश सती,सुभाष डिमरी,भगवती प्रसाद कपरूवाण,हरीश भण्डारी, भगवती प्रसाद नंबूरी,मुकेश कुमार, नैन सिंह भण्डारी, चंडी बहुगुणा,लक्ष्मण फरकिया, रोहित परमार,जेपी भट्ट,प्रकाश नेगी, लालमणि सेमवाल,के अलावा नगर पालिका के सभासदगण, महिला मंगल दलों के पदाधिकारी एवं सभी वार्डों के भू धंसाव प्रभावित लोग शामिल हुए।












