कमल बिष्ट/उत्तराखंड समाचार:
श्रीनगर गढ़वाल में डॉ. गोविन्द चातक जयंती के अवसर पर विगत वर्षों की भांति डा.गोविन्द चातक स्मृति व्याख्यान एवं डॉ.गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान ‘ समारोह का आयोजन किया गया। गढ़वाली भाषा एवं गढ़वाली गीत साहित्य में अपने गीतों के माध्यम से अमूल्य योगदान देने हेतु वर्ष -2021का ‘डॉ. गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान ‘ प्रसिद्ध लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी को दिया गया । सम्मान स्वरूप उन्हें रुपए ग्यारह हजार (11,000/ ) की नकद धनराशि के साथ अंग वस्त्र, मान पत्र एवं विशेष आखर स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। ग्यारह हजार रुपए की सम्मान राशि डॉ.चातक जी के परिवार की ओर से प्रदान की गई। परन्तु श्रद्धेय नेगी जी ने सम्मान राशि ‘आखर ट्रस्ट’ को ट्रस्ट के संचालक हेतु दान कर दी कार्यक्रम में वक्ताओं ने लोक साहित्य एवं गढ़वाली भाषा -साहित्य में डॉ.गोविन्द चातक जी के अवदान को चिरस्मरणीय एवं अतुलनीय बताया। साथ ही विस्तारपूर्वक उनके जीवन, व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर बात की गई। साथ ही वक्ताओं ने कहा कि आखर’ द्वारा डॉ. चातक जैसी विभूतियों को याद किया जाना और इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किया जाना प्रशंसनीय है।
मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध लोक संस्कृतिकर्मी, रंगकर्मी प्रो. डी.आर. पुरोहित ने कहा कि- ‘डॉ.चातक जी ने यहां के लोक साहित्य को सहेजने एवं संरक्षण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आज लोक संस्कृति के लिए ऐसे ही शोध कार्य किए जाने की आवश्यकता है।’ कार्यक्रम अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार एवं शिक्षाविद डॉ. विष्णु दत्त कुकरेती ने कहा कि -‘डॉ. चातक जी की जयन्ती के अवसर पर उन पर केन्द्रित’आखर ‘ द्वारा हर वर्ष जो कार्यक्रम आयोजित किया जाता है वह एक सराहनीय कार्य है।’
विशिष्ट अतिथि प्रो. सम्पूर्ण सिंह रावत ने कहा कि ‘डॉ.चातक जी ने यहाँ के सम्पूर्ण लोक साहित्य काे लिपिबद्ध करने का महत्वपूर्ण कार्य किया। हिंदी साहित्य में भी उन्होंने नाट्य समलोचना के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।’ इस अवसर पर सम्मानित विभूति श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी ने कहा कि ‘गढ़वाली भाषा के सम्बर्धन हेतु आज बहुत प्रयास हो रहे हैं।गढ़वाली भाषा -साहित्य में आज बहुत लेखक काम कर रहे हैं। पाठ्यक्रम में भी अब गढ़वाली भाषा- साहित्य को रखा जाने लगा है तो यह गढ़वाली भाषा के लिए एक सुखद बात है।साथ ही कहा कि- ‘डॉ.चातक जी ने यहां के लोक साहित्य के लोक गीतों का संग्रह व संरक्षण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। यह सम्मान महत्वपूर्ण है क्यूंकि इस सम्मान के साथ एक लोक साहित्य ऋषि डॉ. चातक जी का नाम जुड़ा है। मैंने डॉ. चातक जी के लोक साहित्य से बहुत कुछ सीखा।
अतिथि वक्ता प्रसिद्ध गढ़वाली कवि एवं वरिष्ठ साहित्यकार श्री वीरेंद्र पंवार ने कहा कि जब भी उत्तराखंड के लोक साहित्य का जिक्र होगा तो डॉ. चातक जी का जिक्र अवश्य होगा।’ उन्होंने गढ़वाली लोक साहित्य एवं गढ़वाली भाषा में डॉ.गोविन्द चातक जी द्वारा दिए गए अवदान पर विस्तार से अपनी बात रखते हुए कहा कि-गढ़वाली भाषा में भी डॉ.चातक जी का काम अतुलनीय है । अथिति प्रसिद्ध मंच संचालक एवं गढ़वाली पत्रिका ‘धाद ‘ के सम्पादक गणेश खुगसाल ‘गणी ‘ भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरुआत लोक परम्परानुसार अतिथियों द्वारा जौ से भरे हुए पाथे में दीप प्रज्वलन, डॉ. गोविन्द चातक के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पण हुई। इस अवसर पर ट्रस्ट की सदस्य-साक्षी रावत एवं बीरा चौहान द्वारा मांगल गीत की प्रस्तुति दी गई। अतिथियों का स्वागत ट्रस्ट के संस्थापक एवं अध्यक्ष संदीप रावत ने किया। कार्यक्रम का संचालन ट्रस्ट के उपाध्यक्ष डॉ. नागेंद्र रावत ने किया। आखर की सदस्य एवं कवयित्री अनीता काला ने डॉ.गोविन्द चातक का जीवन परिचय सामने रखा। ट्रस्ट की कोषाध्यक्ष रेखा चमोली ने नेगी जी के सम्मान में सम्मान पत्र का वाचन किया।
ट्रस्ट के अध्यक्ष संदीप रावत ने श्री नरेन्द्र सिंह नेगी का व्यक्तित्व एवं कृतित्व सभी के सम्मुख रखा। ट्रस्ट के अध्यक्ष संदीप रावत ने सम्मानित विभूति नरेन्द्र सिंह नेगी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से बात रखते हुए कहा कि श्रद्धेय नेगी जी ने अपने कालजयी गीतों के माध्यम से गढवाली भाषा को एक नया आयाम दिया और इसे विश्व पटल पर पहचान दिलायी। श्रद्धेय नेगी जी ने हमेशा मुझ जैसे नए लेखकों को सदैव प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया।’इस कार्यक्रम मुख्य उद्देश्य उत्तराखण्ड की दिवंगत विभूति डॉ.गोविन्द चातक जी की जयन्ती के अवसर पर गढ़वाली भाषा -साहित्य एवं लोक साहित्य में डॉ.चातक जी के महत्वपूर्ण अवदान से आम लोगों एवं समाज को परिचित करवाने, जो वरिष्ठ साहित्यकार हैं और जो गढ़वाली भाषा-साहित्य में अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं उनका परिचय सभी के सम्मुख रखना एवं ट्रस्ट द्वारा डॉ. गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान ‘से सम्मानित करना है। कार्यक्रम के अंत में सभी का ट्रस्ट के अध्यक्ष संदीप रावत ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि ऊषा नेगी, डॉ.गोविन्द चातक जी के परिवार की ओर से उनके पौत्र सौरभ बिष्ट, श्रीनगर व्यापार सभा अध्यक्ष दिनेश असवाल, घंटाकरण देवता के रावल दिनेश जोशी, प्रो. रामानंद गैरोला, डॉ. शशि रावत, प्रदीप बहुगुणा, डॉ. अरुण कुकसाल, प्रसिद्ध समाज सेवी अनिल स्वामी, अजीम प्रेमजी फाउंडेसन के डॉ.प्रदीप अंथवाल, गंगा असनोड़ा थपलियाल, कवि शम्भू प्रसाद स्नेहिल, गंभीर सिंह रौतेला, कैप्टेन सते सिंह भण्डारी, डॉ.गोविन्द चातक जी के गाँव से रघुबीर सिंह कंडारी, डॉ.श्रीकृष्ण उनियाल, डॉ. अशोक कुमार बडोनी जी,प्रभाकर बाबुलकर, मीना डोभाल, उषा बिष्ट, दिनेश पटवाल, ज्योति जैन मेवाड़, अनीता काला, राधा मैंदोली, सतीश काला जी, योगेंद्र कांडपाल, व्यापार संघ के जिलाध्यक्ष वासुदेव कंडारी, जीतेन्द्र धीरवान, डांग व्यापार सभा अध्यक्ष सौरभ पाण्डेय, शिवानी पाण्डेय, ट्रस्टी बविता थपलियाल, ट्रस्ट की मुख्य ट्रस्टी लक्ष्मी रावत, ट्रस्ट की कोषाध्यक्ष रेखा चमोली, सदस्य साक्षी रावत, बीरा चौहान, कु. श्वेता, मयंक पंवार, प्रिया,शिक्षक शिक्षिकाओं, साहित्यिक एवं सामाजिक सरोकारों से जुड़े व्यक्तियों की उपस्थिति के साथ कार्यक्रम में मीडिया जगत, श्रीनगर की सम्भ्रांत जनता उपस्थित थी।